*1.आसियान से गहरे आर्थिक संबंध चाहते हैं हम: सुषमा*

• विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गतिशील आसियान क्षेत्र के लिए गहरे आर्थिक एकीकरण के लिए आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि भारत चाहता है कि साझी सुरक्षा और साझी समृद्धि के द्वैत सिद्धांत पर एक क्षेत्रीय संरचना का निर्माण हो।
• इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में शनिवार को सुषमा स्वराज ने एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशंस (आसियन) के 5वें राउंड टेबिल कांफ्रेंस का उद्घाटन किया। इस अवसर पर थिंक टैंकों ने समूहों के बीच जल क्षेत्र की सुरक्षा, व्यापार एवं निवेश, शिक्षा और सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देने पर जोर दिया।
• इस मौके पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि दक्षिण पूर्व एशिया से ताल्लुक बढ़ाने में तीन सी के आधार पर हमारी रणनीति आसियान में निहित है। यह तीन सी वाणिज्य (कामर्स), संपर्क (कनेक्टिविटी) और संस्कृति (कल्चर) हैं।
• थाईलैंड से शुक्रवार को ही इंडोनेशिया पहुंची सुषमा स्वराज की तीन देशों की यात्र का यह दूसरा चरण है। सुषमा ने कहा कि हमने अपने प्राचीन संपर्को को आधुनिक व्यवस्था से ऊर्जावान बनाया है। ताकि एशिया के पुनरुत्थान में भारत प्रेरक शक्ति बन सके।
• एक परिपक्व और जिम्मेदार देश होने के नाते भारत की विदेश नीति का हित एक क्षेत्रीय ढांचा खड़ा करना है जो साझी सुरक्षा और साझी समृद्धि के सिद्धांत पर आधारित हो। 1उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2015 में की थी।
• उनका विजन ‘सागर’ (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) है। उन्होंने कहा कि भारत-प्रशांत क्षेत्र भी संपर्क मार्ग के रूप में देखा जा रहा है। इन्हीं महासागरों से दुनिया का अधिकांश व्यापार होता है। इन जल क्षेत्रों का नासिर्फ बेहतर संपर्क होना चाहिए बल्कि परंपरागत और गैर परंपरागत खतरों से मुक्त हो।

*2. ईरान के मुद्दे पर अमेरिका को नहीं मिला संयुक्त राष्ट्र का साथ, सदस्य देश बोले-आंतरिक मामला*

• ईरान में विरोध प्रदर्शनों को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से उसके खिलाफ कार्रवाई का अमेरिका का प्रयास विफल रहा। 15 सदस्यीय परिषद के अधिकतर सदस्यों ने किसी देश के आंतरिक मामलों को उठाने के लिए इसे उपयुक्त मंच नहीं माना।
• उनका कहना था कि ईरान के मौजूदा हालात से अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है। अमेरिका की मांग पर ईरान की स्थिति पर विचार के लिए शुक्रवार को परिषद की आपात बैठक बुलाई गई थी। परिषद ने ईरान के साथ परमाणु समझौते का समर्थन किया।
• ईरान के लोग कुछ मांग कर रहे हैं : निक्की हेली : बैठक में जोरदार बहस के दौरान संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने कहा कि ईरान के लोग कुछ मांग कर रहे हैं। कोई भी सरकार वैधानिक रूप से उनके मानवाधिकार और मूल अधिकारों से इन्कार नहीं कर सकती।
• अगर इस संस्था (सुरक्षा परिषद) के सिद्धांतों का कोई मतलब है तो हमें न केवल उनकी आवाज सुननी चाहिए, बल्कि हमें जवाब भी देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘पूरी दुनिया देख रही कि आप क्या करते हैं।’ उन्होंने कहा कि यूएन का हर सदस्य देश संप्रभु है, लेकिन वह लोगों के मानवाधिकार और मूल अधिकारों को ठुकराने के लिए संप्रभुता को ढाल की तरह इस्तेमाल नहीं कर सकता।
• अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के प्रदर्शनकारियों के समर्थन आगे आए हैं। यूएन में ईरान के राजदूत गोलामली खोशोरू ने कहा कि सुरक्षा परिषद ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर बैठक बुला ट्रंप प्रशासन द्वारा खुद के दुरुपयोग की इजाजत दी। यह परिषद की भूल है।
• अमेरिका सुरक्षा परिषद के मंच का दुरुपयोग कर रहा : रूस : ब्रिटेन के राजदूत मैथ्यू रिक्रॉफ्ट ने ईरान के आरोप को खारिज किया और कहा कि कोई उसे अपने एजेंडे के लिए मजबूर नहीं कर रहा। लेकिन रूस के प्रतिनिधि वेसिली ए. नेबेनजिया ने ईरान का समर्थन किया और कहा कि अमेरिका सुरक्षा परिषद के मंच का दुरुपयोग कर रहा है।
• चीन के राजदूत वू हाइतो ने भी इसका समर्थन किया और कहा कि अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा कायम रखना परिषद की जिम्मेदारी है। ईरान, रूस और चीन का समर्थन करते हुए फ्रांस के प्रतिनिधि फ्रांस्वा देलात्रे ने कहा कि केवल ईरान ही अपने यहां शांति का रास्ता बना सकता है।
• सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्यों बोलिविया, इक्वेटोरियल गिनी और इथोपिया ने भी ईरान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि परिषद ईरान की मौजूदा स्थिति पर चर्चा का मंच नहीं है।

*3. क्लोरीन की कमी से घटा ओजोन परत का छेद*

• वायुमंडल में क्लोरीन गैस के स्तर में कमी आने से ओजोन सतह में बने छिद्र का आकार भी घटा है। नासा के वैज्ञानिकों ने एक शोध में पाया कि ऐसा क्लोरोफ्लोरोकार्बन (सीएफसी) पर लगाए गए अंतराष्ट्रीय प्रतिबंध के कारण संभव हो सका है।
• सीएफसी लंबे समय तक टिके रहने वाले ऐसे रासायनिक तत्व हैं, जो अपने आप समतापमंडल में बनते हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक, ये नतीजे कुछ राहत भरे हैं। ये इस ओर संकेत करते हैं कि सीएफसी पर प्रतिबंध सही कदम है और इस पर दुनिया भर के देशों को एक होना चाहिए।
• शोधकर्ताओं के मुताबिक, 2005 से 2016 के दौरान जब दक्षिणी गोलार्ध में सर्दी थी, तब अंटार्कटिक में ओजोन छिद्र का निर्माण हुआ था। सूर्य से निकलने वाली पराबैंगनी किरणों सीएफसी के अणुओं को तोड़ देती हैं, जिससे क्लोरीन गैस बाहर निकल जाती है। क्लोरीन परमाणु ओजोन के अणुओं को नष्ट कर देते हैं।
• इस तरह की जांच : अंटार्कटिक में ओजोन सतह में होने वाली गड़बड़ी को मापने वाले माइक्रोवेव लिंब साउंडर ने पाया कि जहां भी ओजोन सतह क्षीण हो रही थी, वहां क्लोरीन के कई अणु मौजूद थे।
• अमेरिका स्थित नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के वैज्ञानिक सुसान स्ट्राहन ने बताया कि क्लोरीन की मात्र कम होने से ओजोन परत के छेद में 20 फीसद की कमी आई है। हालांकि इसके छिद्र को पूरी तरह से भरने में दशकों लग सकता है। इसका 2060 से 2080 के बीच दोबारा अध्ययन किया जाएगा। उस वक्त भी ओजोन सतह में कुछ छिद्र पाए जा सकते हैं।
• स्ट्रैटोस्फेयर में ओजोन गैस की सतह मौजूद : मालूम हो कि पृथ्वी के वायुमंडल की दूसरी परत यानी स्ट्रैटोस्फेयर में ओजोन गैस की सतह मौजूद है। यह सतह ही सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों से पृथ्वी की रक्षा करती है। शोध के परिणामों को ‘जियोफिजिकल रिसर्च’ पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।

*4. इटली में गठबंधन के भरोसे होगी सत्ता*

• इटली केराष्ट्रपति सर्जियो मटरेला ने 28 दिसंबर को संसद भंग कर दी जबकि देश में आम चुनाव 4 मार्च को होने हैं। चुनावों में किसी पार्टी को बहुमत मिलने की संभावना नहीं है और गठबंधन के साझीदारों की तलाश करनी होगी। सत्ता की दावेदारों इन चार में से किसी के पास हो सकती है।
• फाइवस्टार मूवमेंट: लुइजिडि मायो के नेतृत्व वाली पार्टी सर्वेक्षणों में 30 फीसदी वोटों के साथ पहले स्थान पर है। पार्टी राजनीति से भ्रष्टाचार को खत्म करना चाहती है। अब तक गठबंधन से भी इंकार किया है।
• डेमोक्रेटिक पार्टी: प्रधानमंत्रीपाओलो जेंटिलोनी की पार्टी को 23 फीसदी समर्थन है। टूट और बैंकिंग घोटाले से लोकप्रियता कम हुई है। जेंटिलोनी और पूर्व प्रधानमंत्री मेटियो रेंजी में से नेता कौन होगा, स्पष्ट नहीं है।
फोर्जाइटालिया: चारबार प्रधानमंत्री रहे सिल्वियो बर्लुस्कोनी की पार्टी तीसरे नंबर पर है। टैक्स चोरी के आरोप साबित होने के बाद बर्लुस्कोनी प्रधानमंत्री पद से बाहर हैं।
• नॉर्दर्न लीग: मेटियोसाल्विनी के नेतृत्व में यूरोपीय संघ और अप्रवासियों का विरोध करने वाली पार्टी की हाल के दिनों में लोकप्रियता बढ़ी है। यह फोर्जा इटालिया के साथ गठबंधन की तैयारी में है, लेकिन सत्ता के लिए जरूरी 40 %से

*5. वाघा बॉर्डर की तरह दाउकी में भी होगी बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी*

• शिलोंग से 83 किलोमीटर दूर पहाड़ी जंगलों के खूबसूरत घुमावदार मोड़ के बाद आता है दाउकी। सुपारी और तेज पत्ता के घने-ऊंचे पेड़ों के बीच से यह रास्ता गुजरता है। मेघालय राज्य का छोटा-सा क्षेत्र दाउकी, भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार और लोगों की आवाजाही का एक प्रमुख केंद्र है।
• दाउकी में बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स, बीएसएफ की चौकी के ठीक सामने 22 एकड़ क्षेत्र में बन रहा है इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट (आईसीपी)। वर्ष 2019 के मध्य तक यहां एक नई शुरुआत होने जा रही है। वाघा बॉर्डर की तर्ज पर भारत और बांग्लादेश के बीच यहां भी प्रतिदिन बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन होगा।
• सेरेमनी में बीएसएफ और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के जवान हिस्सा लेंगे। अभी यह सेरेमनी होती है, लेकिन सिर्फ बीएसएफ के द्वारा की जाती है। आईसीपी के पूर्णरूप से बन जाने के बाद बांग्लादेश की बीजीबी इसमें हिस्सा लेना शुरू करेगी।
• भारत-बांग्लोदश के बीच चलने वाली बस दाउकी चेक पोस्ट से सोमवार और शुक्रवार को गुजरती है। यह रास्ता बांग्लादेश के सिलहट होते हुए ढाका तक जाता है। जीरो लैंड खत्म होते ही बांग्लादेश की चौकी तांबिल आती है।

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