1.भारत, कजाकिस्तान व्यापार, रक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमत
• भारत और कजाकिस्तान ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग मजबूत करने पर सहमति जताई है। विदेश मंत्री सुषमा सुषमा ने कजाकिस्तान के शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर उनके साथ कारोबार, ऊर्जा, सुरक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में विस्तृत रणनीतिक साझेदारी को मजबूत बानाने पर र्चचा की।
• संसाधन समृद्ध मध्य एशियाई देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी मजबूत बनाने के भारत के प्रयासों के तहत सुषमा तीन देशों कजाकिस्तान, किर्गिजस्तान और उज्बेकिस्तान की यात्रा पर हैं। सुषमा ने कजाख विदेश मंत्री कैरात अब्द्राखमानोव के साथ प्रतिनिधि स्तर की बातचीत की। दोनों नेताओं ने कारोबार, निवेश, रक्षा, सुरक्षा, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईटीसी), फार्मा और सांस्कृतिक क्षेत्र में सहयोग मजबूत करने पर विस्तृत र्चचा की।
• कजाकिस्तान मध्य एशिया में भारत का सबसे बड़ा कारोबार और निवेश सहयोगी है। सुषमा यहां कजाकिस्तान के प्रधानमंत्री बकीतजहान सगीन्तायेव से मुलाकात करके दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी संबंध, कारोबार, निवेश, रक्षा, सुरक्षा, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईटीसी), सुंयक्त फिल्म निर्माण, पर्यटन के क्षेत्र में सहयोगी को मजबूती प्रदान करने पर र्चचा की।
• उन्होंने कहा कि अब्द्राखमानोव के साथ बैठक के दौरान उन्होंने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और आपसी हित के नियंतण्र मुद्दों पर र्चचा की। सुषमा ने कहा, हमने अपने द्विपक्षीय संबंध में हुई प्रगति की समीक्षा की। भारत का कजाकिस्तान के बीच का संबंध सदियों पुराने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध की मजबूत नींव पर बना हुआ है।
• उन्होंने कहा, भारत और कजाकिस्तान ने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संबंधों के सभी क्षेत्रों में बहुआयामी सहयोग विकसित किया है और हम 2009 से ही रणनीतिक साझेदार हैं। सुषमा ने कहा, कैरात अब्द्राखमानोव और मैंने आगे रक्षा क्षेत्र में और मजबूत संबंध बनाने की इच्छा जताई है।
• पिछले दो वर्षों में रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में हमारे सहयोग मजबूत हुए हैं। कजाख सशस्त्र बल इकाई ने भारत में शांति अभियान प्रशिक्षण में हिस्सा लिया और मौजूदा समय में अलमाटी में भारतीय सेना की एक मोबाइल ट्रे¨नग टीम कजाख सैनिकों को प्रशिक्षण दे रही है। सुषमा ने कहा कि भारत विश्व में तेजी से बढ़ती एक व्यापक अर्थ व्यवस्था के रूप में उभरा है और अब उत्पादन एवं नवोन्मेष के क्षेत्र का यह एक ग्लोबल हब है।
• उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) के नेतृत्व में भारत कई तरह की महत्वकांक्षी योजना ‘‘मेक इन इंडिया’, ‘‘डिजिटल इंडिया’, ‘‘क्लीन इंडिया’ ‘‘स्टार्टअप इंडिया’ 100 स्मार्ट सिटी सहित कई अन्य योजना शुरू की। मैंने विदेश मंत्री कैरात अब्द्राखमानोव के साथ भारत के डिजिटल कार्यक्रम पर र्चचा करके उन्हें बताया कि इसमें कई ऐसी चीजें हैं जो कजाकिस्तान के डिजिटल कजाखस्तान कार्यक्रम के हित में हो सकता है।’
• सुषमा ने अब्द्राखमानोव के साथ नए उत्पाद के बजारों को तलाशने पर भी र्चचा की। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच कृषि उत्पाद, खाद्य प्रसंस्करण, फार्मास्यूटिकल्स, ऊर्जा और रसायन क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं, जिन्हें पहचाने जाने की जरूरत है। सुषमा ने कहा, इस क्षेत्र में संपर्क बेहतर करने को लेकर भारत इच्छुक है।
• दिसम्बर, 2017 में भारत (ट्रांसपोर्ट्स इंटरनेशनॉक्स रॉटियर्स) सम्मेलन से जुड़ा और फरवरी, 2018 में भारत अशगाबाट समझौते में शामिल हुआ। अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन कॉरिडोर गति पकड़ रहा है और सदस्य देश इस कॉरिडोर को लोकप्रियता दिलाने के लिए साथ में काम कर रहे हैं।
2. जिम्बावे : मनांगाग्वा चुने गए राष्ट्रपति
• जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति एमर्सन मनांगाग्वा ने देश के ऐतिहासिक चुनावों में मामूली अंतर से जीत दर्ज की है। शुक्रवार को आए चुनाव परिणाम के बाद धांधली के आरोप लगने की आशंका के बीच संभावित प्रदर्शनों को रोकने के लिए सुरक्षाबल सड़कों पर गश्त लगा रहे हैं।
• मनांगाग्वा पूर्व राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे के सहयोगी रहे हैं। जिम्बाब्वे चुनाव आयोग ने बताया कि मनांगाग्वा ने विपक्षी पार्टी एमडीसी के नेल्सन चमिसा के 44.3 फीसद मतों के मुकाबले 50.8 फीसद मतों से जीत दर्ज की।
• आयोग की अध्यक्ष प्रिसिला चिगुम्बा ने कहा, जेएएनयू-पीएफ पार्टी के मनांगाग्वा एमर्सन दाम्बुदजो को जिम्बाब्वे गणतंत्र का निर्वाचित राष्ट्रपति घोषित किया जाता है। मनांगाग्वा बेहद मामूली अंतर से विजयी हुए हैं क्योंकि जीत दर्ज करने के लिए 50 फीसद से अधिक वोटों की जरूरत होती है।
• उन्होंने ट्विटर पर कहा कि वह चुनाव जीतकर खुश है तथा उन्होंने इसे देश के लिए एक ‘‘नई शुरुआत’ बताया।पिछले साल मुगाबे के पद से हटने के बाद यह देश का पहला चुनाव था।
3. भारत की म्यामांर में तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) टर्मिनल लगाने की योजना
• म्यामांर में भारत तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) आयात टर्मिनल लगाने की योजना बना रहा है। पेट्रोलियम मंत्री धम्रेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। भारत का इरादा अपने पड़ोसी के साथ ऊर्जा राजनयिक संबंधों को मजबूत करना है।इस टर्मिनल के जरिए सुपर कूल्ड प्राकृतिक गैस का आयात किया जाएगा।
• भारतीय कंपनियों की योजना बांग्लादेश और श्रीलंका में भी इसी तरह के संयंत्र लगाने की है। प्रधान ने कहा कि दक्षिण एशिया के पड़ोसी देशों में ऊर्जा संपर्क को मजबूत करने की वृहद योजना के तहत ये टर्मिनल लगाए जा रहे हैं।
• प्रधान ने यहां ‘‘भारत के अपने पड़ोस के साथ संपर्क का आकलन’ विषय पर संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि असम में नुमालीगढ़ रिफाइनरी लि. (एनआरएल) म्यामार को डीजल आपूर्ति पर विचार कर रही है। कंपनी का इरादा वहां ईंधन भंडारण और वितरण क्षेत्र का विकास करने का है।प्रधान ने कहा कि इंडियन आयल कारपोरेशन (आईओसी) म्यामांर की कंपनियों के साथ एलपीजी भंडारण सुविधाएं विकसित करने पर काम कर रही है।
• पेट्रोनेट एलएनजी भी वहां एलएनजी टर्मिनल लगा रही है। हालांकि, उन्होंने इसका और ब्योरा नहीं दिया। उन्होंने कहा कि भारत, बांग्लादेश के साथ इंटरकने¨क्टग गैस ग्रिड और पाइपलाइन से डीजल की आपूर्ति पर विचार कर रहा है।
4. केएम जोसेफ बनेंगे सुप्रीम कोर्ट के जज : केंद्र ने कॉलेजियम की सिफारिश मंजूर की
• न्यायपालिका के साथ लंबे गतिरोध को खत्म करते हुए केन्द्र सरकार ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ को पदोन्नति देकर सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाने की कॉलेजियम की सिफारिश को मंजूरी दे दी है।
• सरकार ने मद्रास हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी और उड़ीसा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विनीत शरण को भी पदोन्नति देकर सुप्रीम कोर्ट भेजने की सिफारिश को मंजूरी दे दी है। बुधवार और वृहस्पतिवार को दो बैच में फाइलों को मंजूरी दी गई। उनकी नियुक्ति के वारंट सोमवार को जारी हो सकते हैं।
• इन नियुक्तियों के बाद सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या 25 हो जाएगी। इसके बाद भी यहां न्यायाधीशों के छह पद रिक्त रह जाएंगे। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली कॉलेजियम ने 10 जनवरी को जस्टिस जोसेफ को पदोन्नति देकर सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की थी। हालांकि, सरकार ने वरिष्ठता का हवाला देते हुए 30 अप्रैल को सिफारिश लौटा दी थी।
• सरकार ने यह भी कहा था कि कई हाईकोटोर्ं को प्रतिनिधित्व नहीं मिला है और जस्टिस जोसेफ की पदोन्नति क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व के सिद्धांत के खिलाफ होगी। जस्टिस जोसेफ मूल रूप से केरल हाईकोर्ट के न्यायाधीश रहे हैं।
• उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में उनकी अध्यक्षता वाली बेंच ने हरीश रावत सरकार गिरने के बाद 2016 में उत्तराखंड में लगाए गए राष्ट्रपति शासन को खारिज कर दिया था।
5. सोशल मीडिया की अब निगरानी नहीं
• देश के ‘सर्विलांस स्टेट’ बनने जैसी सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद केंद्र सरकार ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रलय के लिए प्रस्तावित सोशल मीडिया हब बनाने के फैसले से कदम वापस खींच लिए हैं। यानी सरकार फिलहाल सोशल मीडिया की निगरानी नहीं करेगी। इस फैसले से संबंधित अधिसूचना भी सरकार ने वापस ले ली है।
• सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए सरकार ने कहा कि वह सोशल मीडिया नीति की पूर्ण समीक्षा करेगी।
• प्रधान न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल की उक्त दलील पर याचिका निस्तारित करने का फैसला किया। हालांकि, सरकार ने अपने रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) में ‘सोशल मीडिया कम्यूनिकेशन हब’ की स्थापना के लिए एजेंसी का चुनाव करने की खातिर निविदाएं और प्रस्ताव आमंत्रित कर लिए थे।
• प्रधान न्यायाधीश की पीठ पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस विधायक महुआ मोइत्र की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रस्तावित हब का इस्तेमाल नागरिकों की ऑनलाइन गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए किया जाएगा, इसलिए इसे खारिज कर दिया जाना चाहिए।
• इस पर शीर्ष अदालत ने 13 जुलाई को सरकार से पूछा भी था कि क्या इस हब की स्थापना का मकसद लोगों के वाट्सएप संदेशों पर नजर रखना है? साथ ही अदालत ने टिप्पणी की थी कि ऐसे तो यह देश ‘सर्विलांस स्टेट’ बन जाएगा। महुआ मोइत्र का कहना था कि सरकार ने आरएफपी भी जारी कर दिया है और 20 अगस्त को ऐसे सॉफ्टवेयर के लिए निविदाएं खोली जाएंगीं जो वाट्सएप, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया मंचों की 360 डिग्री निगरानी और ईमेल सामग्री को ट्रैक कर सकेगा।
• सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम ‘ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कंसल्टेंट इंडिया लिमिटेड’ ने मई में इस परियोजना के लिए सॉफ्टवेयर की आपूर्ति के लिए निविदाएं मांगी थीं। पिछले महीने सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा था, ‘लोगों की निजता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार में सेंध लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
• सोशल मीडिया हब बनाने का प्रस्ताव सरकार ने अपनी नीतियों की सूचना सोशल मीडिया मंचों के जरिये प्रसारित करने के लिए किया है।’
6. अब प्रकाश की गति से हो सकेगी वस्तुओं की पहचान
• आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) की दिशा में दुनिया भर के वैज्ञानिक नई खोजें कर रहे हैं। इसके जरिये न केवल भावी रोबोट, बल्कि तमाम इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी तैयार की जा रही हैं। इसी दिशा में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया लास एंजिलिस के वैज्ञानिकों ने ऐसी डिवाइस की खोज की है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए प्रकाश की गति से वस्तुओं की पहचान कर सकेगी।
• 3डी मॉडल पर आधारित इस डिवाइस का निर्माण मानव मस्तिष्क के प्रतिरूप के रूप में किया गया है। ऐसे में यह डाटा की बड़ी मात्र के लिए भी कार्य करने में सक्षम है। इसकी मदद से ड्राइवरलेस कारें तैयार करने की दिशा में मदद मिलेगी।
• वर्तमान में इस तकनीक का होता है प्रयोग : यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं का कहना है कि वर्तमान में वस्तुओं की पहचान कंप्यूटर आधारित प्रोग्राम के जरिये की जाती है, जिसमें कंप्यूटर उस वस्तु की फोटो का अन्य फोटो के साथ मिलान करता है। इंटरनेट पर सर्च का भी यही तरीका है।
• नई डिवाइस ऐसे करेगी काम : डिफरेक्टिव डीप न्यूरल नेटवर्क नाम की डिवाइस में प्रकाश के जरिए वस्तुओं की पहचान विवर्तन के नियमों से की जाएगी। यह डिवाइस किसी वस्तु से आने वाले प्रकाश की किरणों का अध्ययन कर उसकी पहचान कर सकेगी। डिवाइस में एडवांस कंप्यूटर प्रोग्राम और अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि यह सिर्फ प्रकाश किरणों के विवर्तन यानी उनके किसी वस्तु से टकराकर मुड़ने की घटना का अध्ययन करेगी।
• ट्रांसपोर्ट और मेडिकल क्षेत्र में क्रांति : शोधकर्ताओं का कहना है कि यह एआई डिवाइस ड्राइवरलेस कारों की दुनिया में क्रांति लेकर आएगी। अभी ड्राइवरलेस कारें पैटर्न मैचिंग पर आधारित कंप्यूटर प्रोग्राम से ही सामने से आने वाली वस्तुओं की पहचान करती हैं। प्रकाश के मुकाबले यह प्रक्रिया काफी धीमी है।
• प्रकाश आधारित डिवाइस की मदद से कार तुरंत रिएक्ट कर सकेगी। साथ ही इस डिवाइस की मदद से नए डिजिटल कैमरे डेवलप किए जा सकेंगे, जिससे मेडिकल क्षेत्र में क्रांति आएगी। इसके अलावा रोबोटिक्स और सुरक्षा के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व परिवर्तन देखने को मिलेंगे।
• इस तरह किया है तैयार : यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के प्रोफेसर एडोजन ओजकैन कहते हैं, इस खोज से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित डिवाइस के लिए नए अवसर पैदा होंगे। इसे मनुष्य के दिमाग की प्रक्रिया का अध्ययन करके तैयार किया गया है।
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