1.भारत, अमेरिका की समृद्धि का ट्रंप का दृष्टिकोण सही : मोदी
• अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार व वीजा नीतियों से संबंधित अनिश्चितता के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह भारत और अमेरिका की समृद्धि के लिए ट्रंप के दृष्टिकोण से इत्तेफाक रखते हैं।
• मोदी ने कहा, एक मजबूत भारत-अमेरिका साझेदारी के माध्यम से मैं हमारे लोगों की समृद्धि के लिए उनके दृष्टिकोण से इत्तेफाक रखता हूं। यह साझेदारी महत्वपूर्ण समानताओं, अन्य विषयों में आतंकवाद से मुकाबला और भारत-प्रशांत क्षेत्र में विकास और स्थिरता के प्रसार पर आधारित है।
• मोदी ने इस साल के स्वतंत्रता दिवस से पहले एक अंग्रेजी अखबार को दिए साक्षात्कार में कहा, मैंने राष्ट्रपति ट्रंप से कई बार मुलाकात की है। हम बातचीत के माध्यम से संपर्क में रहते हैं। जापान और ऑस्ट्रेलिया के अलावा भारत व अमेरिका एक चतुष्कोण का हिस्सा हैं, जिसे भारत-प्रशांत में शांति के लिए पिछले साल पुनर्जीवित किया गया है।
• भारत-प्रशांत भौगोलिक व रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं। मोदी की यह टिप्पणी नई दिल्ली में अगले महीने होने वाले भारत-अमेरिका टू प्लस टू वार्ता से पहले आई है। इस वार्ता में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज व रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और उनके अमेरिकी समकक्ष माइक पोम्पियो व जिम मैटिस हिस्सा लेंगे।
• विश्व के विकास के लिए भारत और अमेरिका को दो महत्वपूर्ण इंजन बताते हुए मोदी ने कहा, राष्ट्रपति ट्रंप का ध्यान और भारत में हमारी प्राथमिकता नवाचार और उद्यमशीलता पर है। इन दोनों में इस संबंध को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की क्षमता है।
• उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत, अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी पिछले कुछ वर्षो में अभूतपूर्व तरीके से गहरी हुई है। भारत व अमेरिका लोकतांत्रिक मूल्यों और द्विपक्षीय, क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर समान हितों में वृद्धि पर आधारित नियंतण्र रणनीतिक साझेदारी को साझा करते हैं।

2. कैस्पियन सागर से लगते पांच देशों में ऐतिहासिक समझौता
• कजाखिस्तान के अकताउ शहर में रविवार को रूस और ईरान सहित पांच देशों के बीच कैस्पियन सागर के कानूनी दर्जे को लेकर एक ऐतिहासिक समझौता हुआ। इससे एशिया और यूरोप के बीच स्थित संसाधनों से भरपूर कैस्पियन सागर को लेकर इन देशों के बीच पैदा होने वाले तनाव में कमी आएगी।
• सोवियत संघ के टूटने के बाद कैस्पियन सागर के संसाधनों पर अधिकार को लेकर अजरबैजान, ईरान, कजाखिस्तान, रूस और तुर्कमेनिस्तान के बीच विवाद पैदा हो गया था। रविवार को इन देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने एक समझौते पर सामूहिक सहमति जताते हुए हस्ताक्षर किए।
• इस मौके पर कजाखिस्तान के राष्ट्रपति नूरसुल्तान नजरबायेव ने कहा, ‘हम यह कबूल करते हैं कि इस समझौते पर सहमति बनाना मुश्किल था। 20 वर्षो से जारी सभी के सामूहिक प्रयास से यह संभव हो पाया।’
• रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा, ‘यह युग प्रवर्तक समझौता है। इसने कैस्पियन देशों के बीच सैन्य सहयोग को बढ़ाने के रास्ते खोल दिए हैं।’ ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने भी समझौते पर खुशी जताई।

3. पश्चिम एशियाई देश में मेथनाल का संयुक्त उद्यम लगाने की योजना
• नीति आयोग देश में पर्यावरण अनुकूल ईंधन मेथनाल के उपयोग पर जोर दे रहा है। इसके साथ इस ईंधन की निरंतर आपूर्ति को ध्यान में रखते हुए किसी पश्चिमी एशियाई देश में मेथनाल उत्पादन के लिए संयुक्त उद्यम लगाने की तैयारी की जा रही है।
• ईंधन में मेथनाल गैस की वकालत करने वाले नीति आयोग के सदस्य वी.के. सारस्वत ने कहा, ‘‘देश में मेथनाल आपूत्तर्ि के लिए हम संयुक्त उद्यम लगाने को लेकर पश्चिम एशियाई देशों के साथ बातचीत कर रहे हैं।’ यह पूछे जाने पर कि यह संयुक्त उद्यम कहां लगाया जाएगा, उन्होंने स्पष्ट नाम देने से इनकार करते हुए केवल इतना कहा, ‘‘यह एक पश्चिम एशियाई देश में होगा और इसमें बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है।’
• उन्होंने यह भी कहा, ‘‘संयुक्त उद्यम को लेकर पेट्रोलियम मंत्रालय के साथ बातचीत हुई है। हमने उनसे इस दिशा में पहल करने को कहा है। पेट्रोलियम मंत्री (धम्रेन्द्र प्रधान) ने इस बारे में अध्ययन का निर्देश दिया है।’
• सारस्वत ने यह भी कहा, ‘‘इंडियन आयल कारपोरेशन और एचपीसीएल के साथ मेथनाल मिश्रित पेट्रोल की बिक्री को लेकर बातचीत चल रही है।

4. केंद्र ने दी सलाह, दूसरे देशों के साथ सीधा संपर्क न करें राज्य
• केंद्र ने सभी राज्य सरकारों को चीन, ईरान और अफगानिस्तान जैसे कुछ देशों के साथ आंतरिक सुरक्षा के मुद्दों पर सीधा संपर्क साधने के खिलाफ चेतावनी दी है। केंद्र ने कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से ऐसे संवाद उसके माध्यम से होने चाहिए।
• हाल ही में सभी मुख्य सचिवों को भेजे गए संदेश में गृह मंत्रालय ने कहा है कि राज्य के पुलिस बलों को दूसरे देशों के संगठनों या एजेंसियों के किसी आग्रह को स्वीकार नहीं करने का निर्देश दिया जाए। आग्रह स्वीकार करने या सुविधा देने से पहले गृह मंत्रलय से संपर्क करने को कहा जाए।
• गृह मंत्रालय ने कहा है, ‘गृह मंत्रलय के ध्यान में आया है कि ‘चिंता का कारण देशों’ से कुछ संगठन/एजेंसियां आपसी सहयोग, प्रशिक्षण, संयुक्त अभ्यास, विचारों का आदान प्रदान आदि के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस को सीधे आमंत्रित कर रही हैं। ऐसे आग्रह गृह मंत्रालय के माध्यम से नहीं भेजे जा रहे हैं।’
• मंत्रालय ने माना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कानून प्रवर्तन संबधी सहयोग वांछनीय है। इसके साथ ही मंत्रालय ने कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में विदेशी संगठन या एजेंसियों के साथ काम करते समय सतर्कता और बचाव का रुख अपनाया जाना चाहिए। गृह मंत्रालय से परामर्श लिए बगैर चिंता के कारण देशों के संगठनों/एजेंसियों से ऐसे आग्रह को राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सीधे स्वीकार नहीं करें।
• आंतरिक सळ्रक्षा के लिए खतरा बनने वाले मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार समय-समय पर परेशानी वाले राष्ट्रों की सूची तैयार करती है। यह मुद्दे अक्सर ड्रग्स, आतंकवाद और नकली करेंसी जैसी चिंताओं पर आधारित होते हैं। राज्यों से यह भी कहा गया है कि वे उन विदेशी संगठनों से संपर्क में भी सावधानी बरतें जो रक्षा उपकरणों के व्यवसाय से संबंधित हैं।

5. कृषि उपज खरीद की गारंटी देगी सरकार
• चुनावी साल में कृषि उपज की खरीद की गारंटी देने की तैयारी अंतिम दौर में है। इस महत्वपूर्ण फैसले की घोषणा अगस्त के आखिर तक हो सकती है। फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भारी वृद्धि की घोषणा के बाद केंद्र सरकार ने किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने का भरोसा दिया है। खरीद मसौदे के तहत फसलों की सरकारी खरीद में राज्यों का दायित्व बढ़ाया जाएगा, जिसके लिए केंद्र राज्यों को वित्तीय सुरक्षा की गारंटी देगा।
• फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में भारी वृद्धि की घोषणा के बाद सबकी नजर उपज खरीद की गारंटी पर है। चुनावी साल में सरकार कृषि क्षेत्र की योजनाओं को जमीन पर लागू करने को लेकर पूरी तरह से सतर्क है। खरीफ सीजन की फसलों की एमएसपी की घोषणा के तत्काल बाद सरकारी खरीद की रूपरेखा बनाने का दायित्व मंत्रियों के समूह को सौंप दिया गया।
• केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में गठित समूह ने अपनी तीन बैठकों के बाद ही रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंप दी थी।
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिपोर्ट में खरीद के प्रारूप को गंभीरता से देखा और मसौदा तैयार करने में शामिल अफसरों के साथ बैठक की। सूत्रों के मुताबिक मसौदे में आमूलचूल परिवर्तन कर दिया गया है। संशोधित मसौदे के मुताबिक तिलहन की खरीद को मध्य प्रदेश की भावांतर योजना की तर्ज पर तैयार किया गया है।
• माना जा रहा है कि घरेलू जिंस बाजारों में तिलहन की एमएसपी पर बहुत कम बिक्री होती है। लिहाजा इसे भावांतर योजना के अधीन किया जा सकता है।1दलहन फसलों की पैदावार में निरंतर सुधार से बाजार को संभालना बहुत जरूरी माना गया है। दलहन आयात से मुक्ति पाने के लिए इसकी शत प्रतिशत खरीद को सुनिश्चित करने की तैयारी है।
• दलहन की फिलहाल होने वाली खरीद व्यवस्था को ही चुस्त दुरुस्त बनाने की योजना है। इसके तहत नैफेड के साथ कुछ और राज्य एजेंसियों को सक्रिय किया जा सकता है। राज्यों को खरीद का दायित्व सौंपे जाने की तैयारी है। इसके लिए केंद्र सरकार उन्हें वित्तीय गारंटी देने को तैयार है।
• एक अनुमान के अनुसार दलहन खरीद पर अधिकतम कुल लागत 50 हजार करोड़ रुपये की आ सकती है। इसके लिए बैंकों से उधार लिया जाएगा, जिस पर कुल पांच हजार करोड़ रुपये के ब्याज का बोझ पड़ेगा। इतनी ही धनराशि की जरूरत खरीद प्रबंधन पर आएगी, जिसे केंद्र वहन करेगा। गेहूं और धान की खरीद का जिम्मा वैसे भी ज्यादातर राज्य सरकारें खुद उठा रही हैं। खाद्य सुरक्षा के लिए गठित बफर स्टॉक की खरीद भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) करता ही है।

6. नासा ने सूर्य मिशन के लिए भेजा यान
• अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने पहली बार सूर्य के नजदीक से अध्ययन करने के लिए रविवार की सुबह यान का प्रक्षेपण किया। नासा ने इस मिशन को ‘‘पार्कर सोलर प्रोब’ नाम दिया है। नासा का यान सूर्य के निकट जाकर उसके आसपास के वातावरण, स्वभाव और उसकी कार्यपण्रालियों का अध्ययन करेगा।
• इस मिशन को शनिवार प्रक्षेपित किया जाना था, लेकिन किसी कारणवश इसका प्रक्षेपण नहीं हो सका। नासा का यह अंतरिक्ष यान एक छोटी कार के आकार जितना है फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से स्थानीय समयानुसार तड़के 3.30 लॉन्च किया गया। यह कुछ महीनों के बाद सूर्य के करीब पहुंचेगा। इस मिशन का कार्यकाल सात वर्ष का है और इस दौरान यह सात बार सूर्य की सतह से करीब 40 लाख मील की दूरी से गुजरेगा।
• इससे पहले कभी कोई भी अंतरिक्ष यान सूर्य इतने करीब से नहीं गुजरा है, जितने करीब यह यान पहुँचेगा। इस मिशन पर 1.4 अरब का खर्च आया है। अगर यह मिशन सफल रहता है तो हमें दुनिया के अस्तित्व के बारे में पता लगाने में और आसानी हो जाएगी। वर्ष 2024 तक यह यान 6.4 मिलियन किलोमीटर की दूरी तय कर सूर्य के सात चक्कर लगाएगा।
• इस यान को र्थमल प्रोटेक्शन सिस्टम से लैस किया गया है। यह पृवी के मुकाबले तीन हजार गुना अधिक गर्मी को सहन कर सकता है। इस यान को कुछ इस तरह बनाया गया है कि यह सूर्य की गर्मी को अवशेषित कर ले और उसे विक्षेपित कर देगा।
• इस यान में एक वाटर कूलिंग सिस्टम भी लगाया गया है, जो इस यान को सौर ऊर्जा से क्षतिग्रस्त होने से बचाएगा और यान का तापमान 29 डिग्री सेल्सियस पर बनाए रखेगा।

7. सर वीएस नायपॉल
• साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भारतीय मूल के लेखक और उपन्यासकार सर वीएस नायपॉल का लंदन में उनके निवास पर शनिवार को निधन हो गया। वे 86 साल के थे।
• उनकी पत्नी लेडी नादिरा नायपॉल ने कहा कि उन्होंने रचनात्मकता और उद्यम से भरी जिंदगी जी। जिन्हें वो प्यार करते थे, आखिरी वक्त में वो तमाम लोग उनके साथ थे। उनका पूरा नाम विद्याधर सूरजप्रसाद नायपॉल था।
• अपनी कलम के दम पर पूरी दुनिया को झकझोर देने का माद्दा रखने वाले लेखकों में वीएस नायपॉल की गिनती पहली पंक्ति में की जाती है। उन्होंने लेखन के क्षेत्र में बहुत नाम कमाया।
• 2008 में ‘द टाइम्स’ ने 50 महान ब्रिटिश लेखकों की सूची में नायपॉल को 7वां स्थान दिया था। इस लिस्ट में 1945 से बाद की कृतियों को जगह दी जानी थी। नायपॉल की कुछ उल्लेखनीय कृतियों को इसमें शामिल किया गया। इनमें ‘इन ए फ्री स्टेट’, ‘ए वे इन द वल्र्ड’, ‘हाफ ए लाइफ’, ‘मैजिक सीड्स’ शामिल थीं।
• नायपॉल को बुकर पुरस्कार, साहित्य का नोबेल सहित कई पुरस्कार मिले। उनकी कृतियों में क्रांतिकारी विचारों की झलक मिलती है।

Sorce of the News (With Regards):- compile by Dr Sanjan,Dainik Jagran(Rashtriya Sanskaran),Dainik Bhaskar(Rashtriya Sanskaran), Rashtriya Sahara(Rashtriya Sanskaran) Hindustan dainik(Delhi), Nai Duniya, Hindustan Times, The Hindu, BBC Portal, The Economic Times(Hindi& English)

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