07 Oct अर्थव्यवस्था : दावे किताबी तो नहीं??
(प्रसेनजीत बोस) प्रधानमंत्री अर्थव्यवस्था को चिंताजनक स्थिति में बताने वाले आलोचकों पर हाल में जिस तरह फट पड़े उससे उनकी बेचैनी, जो शेखी पीछे छिपी थी, उसका पता चलता है। ऐसा होता है जब नीति-निर्माण बाजीमार-भाव का बंधक बन जाता है, ठोस आर्थिक आंकड़ों और बुनियादी...