School of Economics | Impact of Nationaliation of Banks
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  सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों में धोखाधड़ी का समाधान नियमों को कठोरता से लागू करने में है, निजीकरण में नहीं वेदप्रताप वैदिक, (भारतीय विदेश नीति परिषद के अध्यक्ष) विजय माल्या के बाद अब नीरव मोदी और विक्रम कोठारी के नाम उछले हैं। कहने के लिए ये उद्योगपति हैं...

  अभी हाल तक अधिकांश नीति निर्माता इस बात से सहमत नजर आ रहे थे कि सरकारी बैंकों को बहुत अधिक वृद्घि की आवश्यकता नहीं है। उनकी दलील थी कि बैंकिंग क्षेत्र में प्रचुर क्षमता मौजूद थी। बॉन्ड बाजार का विस्तार हो रहा था, गैर बैंकिंग...