_*22 April 2018(Sunday)*_

*1.पीएम के भारत लौटते ही कैबिनेट ने लिए ताबड़तोड़* फैसले : बच्ची से रेप पर फांसी
• सरकार ने छोटी बच्चियों के साथ दुष्कर्म के बढ़ते अपराधों पर अंकुश लगाने की दिशा में सख्त कदम उठाते हुए 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म के दोषियों को न्यूनतम 20 साल या ताउम्र जेल की सजा या फांसी देने के प्रावधान वाला आपराधिक कानून (संशोधन) अध्यादेश लाने का फैसला किया है।
• केंद्रीय मंत्रिमंडल की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज यहां हुई बैठक में अध्यादेश लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। बलात्कार के सभी मामलों में जांच अनिवार्य रूप से दो महीने में पूरी करनी होगी और सुनवाई भी दो माह में पूरा करने का प्रावधान किया गया है। फैसले के खिलाफ अपील की सुनवाई 6 महीने में पूरी करनी होगी। _*By anurag pandey*_
• अध्यादेश में यह भी प्रावधान किया गया है कि सोलह वर्ष से कम उम्र की बालिका के साथ दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों को अग्रिम जमानत नहीं मिलेगी। सोलह वर्ष से कम उम्र की बालिका के साथ दुष्कर्म के अपराधी की न्यूनतम सजा 10 से बढ़ाकर 20 साल करने का प्रावधान है जिसे ताउम्र तक बढ़ाया जा सकता है।
• सोलह वर्ष से कम आयु की बालिका के साथ सामूहिक दुष्कर्म पर दोषी को ताउम्र जेल में रहना होगा। अध्यादेश में 16 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के साथ दुष्कर्म के लिए न्यूनतम सजा सात वर्ष के कठोर कारावास से बढ़ाकर दस वर्ष करने और इसे ताउम्र तब बढ़ाने का प्रावधान है।
• यह प्रावधान किया गया है कि 16 वर्ष से कम उम्र की बालिका के साथ बलात्कार के दोषी की जमानत याचिका पर सुनवाई से पहले अदालत को सरकारी वकील और पीड़िता के प्रतिनिधियों को 15 दिन पहले नोटिस देना होगा।
• राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों तथा उच्च न्यायालयों के साथ सलाह कर नई फास्ट ट्रैक अदालतों का गठन किया जाएगा।
• राज्यों /केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ सलाह कर सरकारी वकीलों के नये पद सर्जित किये जायें और संबंधित ढांचा विकसित किया जायेगा। साथ ही सभी पुलिस स्टेशनों और अस्पतालों को बलात्कार के मामलों के लिए विशेष फॉरेन्सिक किट दी जाएगी।
• इन मामलों की जांच के लिए चरणबद्ध तरीके से जनसंसाधन मुहैया कराया जायेगा। सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में केवल बलात्कार के मामलों की जांच के लिए विशेष फॉरेन्सिक प्रयोगशाला स्थापित की जायेंगी।
• ये सभी कदम एक नयी मिशन मोड परियोजना के तहत उठाये जायेंगे जिसकी शुरुआत तीन महीने के भीतर की जायेगी।
• राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो यौन अपराधियों की प्रोफाइल और राष्ट्रीय डाटाबेस तैयार करेगा।
• यह डाटा जांच के दौरान समय समय पर राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ साझा किया जायेगा।
• एक महत्वपूर्ण निर्णय यह भी लिया गया है कि पीड़िता को एक ही जगह पर सहायता देने वाले ‘‘वन स्टोप सेंटर’ देश के सभी जिलों में स्थापित किये जायेंगे
*2. भगोड़े आर्थिक अपराधी की संपत्ति होगी जब्त*
• सरकार विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे भगोड़े आर्थिक अपराधियों की चल एवं अचल संपत्ति कुर्क करेगी और उसकी नीलामी करके सरकारी खजाने को होने वाले नुकसान की भरपायी करेगी और अपराधी को किसी भी अदालत में बचाव का रास्ता नहीं मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यहां हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में भगोड़ा आर्थिक अपराधियों की संपत्ति कुर्क करने या जब्त करने संबंधी कानून के लिए अध्यादेश लाने को मंजूरी दी गई।
• इसके तहत भगोड़ा आरोपी किसी सिविल अदालत में अपना बचाव भी नहीं कर सकेगा। अध्यादेश के जरिए धनशोधन रोकथाम अधिनियम, 2002 में संशोधन कर एक ‘‘विशेष अदालत’ का प्रावधान किया जाएगा।किसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने का अधिकार इस विशेष अदालत के पास होगा। इसके बाद अपराधी की निजी संपत्ति तथा गलत तरीके से कमाई गयी संपत्ति को जब्त किया जा सकेगा।
• जब्ती के बाद एक प्रशासक की नियुक्ति की जाएगी, जो जब्त या कुर्क संपत्ति का प्रबंधन करेगा और उसकी नीलामी कर सकेगा। यह अध्यादेश लोकसभा में विगत 12 मार्च को पेश किए गए भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक 2018 के स्थान पर लाया जाएगा। चूंकि लोकसभा में विपक्ष के लगातार हंगामे के कारण कोई कामकाज नहीं हो पाने से कई बार इस विधेयक को सूचीबद्ध किए जाने के बावजूद इसे बहस के बाद पारित नहीं किया जा सका था।
• सूत्रों ने बताया कि इस अध्यादेश में केवल उन मामलों को ही विचार के लिए लिया जाएगा, जिनमें गबन की कुल राशि सौ करोड़ रपए या अधिक होगी। चूंकि इन मामलों की सुनवाई धनशोधन निरोधक कानून 2002 के अंतर्गत विशेष अदालतों में होगी, जिससे अध्यादेश के कार्यान्वयन में कोई अतिरिक्त खर्च नहीं आएगा।
• अध्यादेश में यह प्रावधान भी है कि अगर किसी के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही शुरू होती है और उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के पहले ही वह आरोपी स्वदेश लौट आता है और सक्षम अदालत में पेश हो जाता है तो उसकी संपत्ति की कुर्की इत्यादि की कार्यवाही तत्काल रुक जाएगी।
*3. राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजना के नए स्वरूप को मंजूरी*
• गांवों के ढांचे को मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय ग्राम स्वराज योजना के पुनर्गठन को मंजूरी दी है। इसके तहत अगले चार सालों में गांवों के विकास पर 7255 करोड़ से ज्यादा खर्च होंगे। इनमें करीब 45 सौ करोड़ रुपये केंद्र और करीब 27 सौ करोड़ रुपये राज्य सरकार देगी।
• पुनर्गठन के बाद तैयार की गई इस नई योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 अप्रैल को मध्य प्रदेश के मांडला जिले से करेंगे। प्रधानमंत्री इसी दिन देश भर की ग्राम सभाओं को भी सीधे संबोधित करेंगे। 1प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को आयोजित कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति ने योजना के पुनर्गठन को यह मंजूरी दी है।
• योजना के नए स्वरूप के तहत ग्राम पंचायतों के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाया जाएगा। साथ ही ग्राम पंचायत के कामकाज में पारदर्शिता लाने पर भी जोर रहेगा। सरकार ने योजना के इस पुनर्गठन का एलान वर्ष 2017-18 के बजट में ही किया था। इसके बाद से मंत्रलय इसकी तैयारी में जुटा हुआ था।
• केंद्रीय पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने योजना के पुनर्गठन की जानकारी देते हुए बताया कि इससे गांव के विकास में मदद मिलेगी। साथ ही इसकी मदद से गांवों में एक ऐसा ढांचा तैयार किया जाएगा जिससे आने वाले दिनों में पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाया जा सके। योजना के उद्देश्य पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाया है।
• उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश है कि शहरों की तरह प्रत्येक पंचायतों का एक विकास का एक प्लान तैयार हो। हाल ही में इसे लेकर कोशिश शुरू की गई है। इसके तहत करीब ढाई लाख पंचायतों में अपने विकास के प्लान सरकार को सौंपे हैं।
• केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हालांकि अभी ग्राम पंचायतों की तरफ से जो प्लान आए है, वह बहुत अच्छे नहीं हैं। उनमें काफी कमी है, लेकिन यह शुरुआती चरण है। आने वाले दिनों में इसे और बेहतर तरीके से तैयार करने के लिए पंचायतों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
*4. किम जोंग ने किया ऐलान : उ. कोरिया अब नहीं करेगा परमाणु परीक्षण*
• उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने शनिवार को अपनी घोषणा में कहा कि वह परमाणु परीक्षण और अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षणों पर रोक लगाएंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों नेताओं की अपेक्षित शिखर वार्ता से पहले इस घोषणा का स्वागत किया है।
• उत्तर कोरिया के इस कदम को कोरियाई प्रायद्वीप और इसके इर्द-गिर्द घूम रही कूटनीति के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अमेरिका लंबे समय से ऐसा चाह रहा था। प्रायद्वीप को विभाजित करने वाले ‘‘असैन्यीकृत क्षेत्र’ में दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जेई-इन के साथ जोंग उन की प्रस्तावित मुलाकात से एक सप्ताह से भी कम समय पहले यह घोषणा अत्यंत अहम मानी जा रही है।
• जोंग उन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ मई या जून माह में मुलाकात कर सकते हैं। बहरहाल, जोंग उन ने ऐसा कोई संकेत नहीं दिया है कि उत्तर कोरिया अपने परमाणु हथियार या मिसाइलें छोड़ सकता है। किम ने कहा कि उत्तर कोरिया ने मिसाइलों पर लगाने के लिए सफलतापूर्वक अपने आयुध विकसित किये थे।
• उन्होंने कहा कि इसलिए अब डीपीआरके के लिए कोई परमाणु परीक्षण और अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक रॉकेट प्रक्षेपण जरूरी नहीं है। उत्तर कोरिया की आधिकारिक ‘‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ के अनुसार जोंग उन ने सत्तारूढ़ पार्टी की केंद्रीय समिति से कहा कि उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण स्थलों की अब कोई आवश्यकता नहीं है।’
• पार्टी ने निर्णय लिया है कि परमाणु विस्फोटों एवं आईसीबीएम परीक्षण शनिवार तक बंद हो जाएंगे और पारदर्शिता की गारंटी सुनिश्चित करने के लिए पुंग्ये-री के परमाणु परीक्षण स्थल को ध्वस्त किया जाएगा। इस घोषणा के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर कहा, ‘‘यह उत्तर कोरिया और पूरे विश्व के लिए एक अच्छी खबर है और एक बड़ी प्रगति है।’ साथ ही उन्होंने कहा कि वह किम के साथ होने वाले शिखर सम्मेलन को लेकर उत्साहित हैं। वहीं, दक्षिण कोरिया का कहना है कि उत्तर कोरिया का यह कदम ‘‘परमाणु निरस्त्रीकरण’ की दिशा में एक ‘‘सार्थक प्रगति’ है।बहरहाल, जापान ने मिलीजुली प्रतिक्रिया दी।
• जापान के प्रधानमंत्री ¨शजो आबे ने उत्तर कोरिया की घोषणा का स्वागत किया, लेकिन वह अब भी इससे बहुत आश्वस्त नहीं दिखे। चीन ने भी परमाणु परीक्षण रोकने की उत्तर कोरिया की घोषणा का स्वागत किया है।
• चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने एक बयान में कहा, ‘‘चीन का मानना है कि परमाणु परीक्षणों को रोकने और अर्थव्यवस्था के विकास और लोगों के बेहतर जीवन-स्तर पर ध्यान देने का निर्णय कोरियाई प्रायद्वीप में स्थिति बेहतर बनाने और परमाणु निरस्त्रीकरण की प्रक्रिया और राजनीतिक समझौते में मदद करेगा।’

 

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