1.अफ्रीका के साथ साझेदारी मजबूत करेगा भारत : मोदी
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युगांडा की अपनी दो दिवसीय यात्रा बुधवार को पूरी की जिस दौरान उन्होंने युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी के साथ व्यापक मुद्दों पर बातचीत की और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर र्चचा की। मोदी मंगलवार शाम युगांडा की राजधानी कम्पाला पहुंचे थे।
• यह 1997 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा थी। प्रधानमंत्री मोदी ने देश की संसद को भी संबोधित किया और घोषणा की कि भारत आतंकवाद और अतिवाद से मुकाबले के लिए अफ्रीका के साथ अपना सहयोग एवं परस्पर क्षमताओं को मजबूत करेगा।
• विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक ट्वीट में कहा, दोनों देशों के बीच गर्मजोशी एवं जुड़ाव को प्रति¨बबित करने वाले एक विशेष भाव के तहत युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी प्रधानमंत्री मोदी को विदा करने के लिए एयरपोर्ट पर आए।
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत अफ्रीका के साथ विकास और सुरक्षा साझेदारी को और मजबूत करेगा जिससे महाद्वीप में सशक्तीकरण के साधनों का निर्माण होगा।
• मोदी ने यहां युगांडा की संसद को संबोधित करते हुए कहा, हमारी विकास साझेदारी आपकी प्राथमिकताओं द्वारा निर्देशित की जाएगी।
• यह उन शतरें पर होगी जो आपके लिए सुविधाजनक होंगे, जिनसे आपकी क्षमता का पूरा इस्तेमाल होगा और आपके भविष्य की राह बाधित नहीं होगी। उन्होंने कहा, हम अफ्रीकी प्रतिभा और कौशल पर भरोसा करेंगे। हम स्थानीय क्षमता का सृजन करेंगे और स्थानीय अवसरों को हरसंभव बढ़ावा देंगे।
• उन्होंने कहा, भारत की विदेश नीति के एजेंडा में अफ्रीका शीर्ष पर रहेगा।10 निर्देशक सिद्धांतों को रेखांकित किया : उन्होंने 10 सिद्धांतों की घोषणा की जो इस क्षेत्र के साथ देश की भागीदारी का मार्गदर्शन करेंगे।
• प्रधानमंत्री ने कहा, अफ्रीका के लिए भारत अपने बाजार खुले रखेगा और व्यापार के वास्ते उसे अधिक आकर्षक बनाएगा। उन्होंने कहा, देश के उद्योगों को अफ्रीका में निवेश के लिए समर्थन दिया जाएगा। भारत सभी देशों के हित में महासागरों को खुला और मुक्त रखने के लिए अफ्रीकी देशों के साथ मिलकर काम करेगा।
• प्रधानमंत्री ने अफ्रीका के विकास, बेहतर जन सेवाएं प्रदान करने, शिक्षा एवं स्वास्य को बढ़ावा देने, डिजिटल साक्षरता के प्रसार, वित्तीय समावेशन और हाशिये पर मौजूद लोगों को मुख्यधारा में लाने के लिए डिजिटल क्रांति में भारत के अनुभव का लाभ उठाने की पेशकश की। उन्होंने कहा, भारत अफ्रीका की कृषि के विकास में मदद करेगा।

2. चीन का रक्षा खर्च भारत से 3.5 गुना ज्यादा
• पड़ोसी देश चीन भारत की तुलना में रक्षा पर साढ़े तीन गुणा ज्यादा खर्च करता है हालाँकि, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के प्रतिशत के रूप में उसका खर्च हमसे कम है।
• रक्षा राज्य मंत्री सुभाष रामराव भामरे ने लोकसभा में एक पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि स्टॉकहोम अंतर्राष्ट्रीय शांति अनुसंधान संस्थान (एसआईपीआरआई) के अनुमान के अनुसार पिछले साल चीन का रक्षा खर्च 228.23 अरब डॉलर था। गत वर्ष भारत का रक्षा खर्च 63.92 अरब डॉलर था। इस प्रकार चीन ने इस मद में भारत के मुकाबले साढ़े तीन गुणा खर्च किया।
• उत्तर में कहा गया है कि वर्ष 2016 में भारत का रक्षा खर्च 56.64 अरब डॉलर और चीन का 216.03 अरब डॉलर रहा था।उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 के बजट अनुमान की तुलना में चालू वित्त वर्ष में रक्षा बजट अनुमान में 44,510.59 करोड़ (12.37 प्रतिशत) की वृद्धि कर इसे 4,04,364.71 करोड़ रुपये किया गया है।
• उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए रक्षा मंत्रालय का पूँजीगत बजट 7,984.16 करोड़ रुपये (8.72 प्रतिशत) बढ़ाकर 99,563.86 करोड़ रुपये किया गया है। यह केंद्र सरकार के पूरे पूँजीगत व्यय का करीब 33 प्रतिशत है।
• श्री भामरे ने बताया कि वर्ष 2017 में भारत का रक्षा पर खर्च जीडीपी का 2.5 प्रतिशत रहा। यह वर्ष 2016 में भी 2.5 प्रतिशत था। चीन का रक्षा व्यय दोनों साल उसकी जीडीपी का 1.9 प्रतिशत रहा था।
• उन्होंने बताया कि पिछले साल भारत सरकार ने अपने कुल खर्च का रक्षा का 9.1 प्रतिशत रक्षा पर खर्च किया जबकि चीन ने अपने कुल सरकारी खर्च का 6.1 प्रतिशत रक्षा पर व्यय किया था।
• रक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि सरकार सेना के आधुनिकीकरण के लिए कई उपाय कर रही है। इसमें नये उपकरणों की खरीद और मौजूदा उपकरणों तथा पण्रालियों को अद्यतन बनाने पर जोर दिया जा रहा है।

3. ईरान से ‘‘सही समझौता’ करने को अमेरिका तैयार
• अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर उसके साथ ‘‘सही समझौता’ करने के लिए तैयार है। उनकी यह टिप्पणी उस वक्त आयी है जब कुछ दिन पहले उन्होंने अमेरिका को धमकाने के लिए ईरान को ऐतिहासिक परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी।
• ट्रंप ने ओबामा प्रशासन के दौरान 2015 में हुए ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका को मई में अलग कर लिया था। उन्होंने इसे अब तक का बेहद खराब समझौता बताया था। ट्रंप ने विदेशों में युद्धों में भाग लेने वाले सैनिकों के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उनका प्रशासन ईरान के साथ फिर से बातचीत करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, मैंने ईरान के साथ एकतरफा भयानक परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग कर दिया था।
• ट्रंप ने कहा कि उनके फैसले से ईरान अब वैसा देश नहीं रहेगा जैसा वह था।अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, मैं यह कह सकता हूं। हम देखेंगे कि क्या होता है लेकिन हम सही समझौता करने के लिए तैयार हैं ना कि वैसा समझौता करने के लिए जैसा पूर्ववर्ती प्रशासन ने किया था जो अनर्थ था।
• इस बीच, ईरान पर अस्थिर व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए अमेरिका के विदेश मंत्री जेम्स मैटिस ने आज कहा कि अब समय आ गया है कि तेहरान जिम्मेदार व्यवहार करे। दोनों देशों के बीच तनाव बढने के मद्देनजर मैटिस ने कहा, ईरान के मामले में मुझे लगता है कि हमें उसके द्वारा लगातार प्रदर्शित रहे अस्थिर व्यवहार को देखना चाहिए और वह पूरे क्षेत्र में ऐसा व्यवहार कर रहा है।
• उन्होंने आरोप लगाया कि सीरिया की बशर अल-असद सरकार के सत्ता में होने का ‘‘एकमात्र कारण’ यह है कि ईरान उनके साथ खड़ा है, उन्हें समर्थन दे रहा है तथा उनका वित्त पोषण कर रहा है।

4. विदेश व्यापार : इस वर्ष 350 अरब डालर रहेगा निर्यात
• वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने बुधवार को कहा कि आने वाले महीनों में देश के निर्यात में अच्छी वृद्धि होगी। वित्त वर्ष 2018-19 में इसके 350 अरब डालर पहुंच जाने का अनुमान है।
• उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सेवा क्षेत्र महत्वपूर्ण बना रहेगा और वर्ष 2025 तक जीडीपी में 3000 अरब डालर का योगदान करेगा। वाणिज्य मंत्रालय ने प्रभु के हवाले से एक बयान में कहा कि देश की उत्पादकता और प्रतिस्पर्धा बढाने में सेवा क्षेत्र का उल्लेखनीय योगदान है।
• मंत्री ने यह भी कहा कि भारत अफ्रीका और लातिन अमेरिकी देशों में सेवा निर्यात को गति दे रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘नियंतण्र संरक्षण के बावजूद निर्यात में अच्छी वृद्धि जारी रहेगी और चालू वित्त वर्ष के इसके 350 अरब डालर पहुंच जाने का अनुमान है।
• ’वित्त वर्ष 2017-18 में देश में वस्तुओं का निर्यात करीब 10 फीसद बढ़कर 303 अरब डालर रहा।

5. यूरोपीय देशों से अलग व्यापार वार्ता की तैयारी
• यूरोपीय यूनियन के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर आगे बढ़ने की संभावनाएं खत्म होती जा रही हैं। ऐसे में सरकार अब यूरोप के देशों से अलग-अलग व्यापार वार्ता के विकल्प पर विचार कर रही है। इस क्रम में नीदरलैंड को यूरोप में प्रवेश के लिए सबसे उपयुक्त देश के तौर पर देखा जा रहा है।
• यूरोपीय यूनियन के साथ एफटीए को लेकर भारत की बातचीत 2013 तक चली। लेकिन उसके बाद बातचीत थम गई। दोनों पक्षों के बीच 16 दौर की बातचीत हुई थी। लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका। पिछले ही वर्ष दोनों देशों के वार्ताकारों ने इस मुद्दे पर विचार किया था और दोनों ही देशों ने इस समझौते पर बाइलेटरल ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट एग्रीमेंट (बीटीआइए) के नाम से शुरू करने पर सहमति जतायी थी। दोनों देशों के बीच एफटीए को लेकर बातचीत 2007 में शुरू हुई थी।
• हालांकि इस साल की शुरुआत से ही सरकार ने यूरोपीय यूनियन के साथ बातचीत शुरू करने का एक और प्रयास किया था। लेकिन अब माना जा रहा है कि इसकी संभावनाएं समाप्त हो गई हैं। इसके विकल्प में सरकार यूरोप के अन्य महत्वपूर्ण देशों के साथ व्यापारिक संबंध मजबूत बनाने की संभावनाएं तलाशने पर जोर देगी।
• यूरोपीय यूनियन से अलग होने के चलते ब्रिटेन के साथ केवल द्विपक्षीय व्यापार को लेकर ही संभावनाएं बची हैं। इसलिए अधिकारी बताते हैं कि उसके साथ पूरे यूरोप को लेकर व्यापारिक रणनीति नहीं बनायी जा सकती। 1इन परिस्थितियों में नीदरलैंड को एक बेहतर संभावना के तौर पर देखा जा रहा है।
• भौगोलिक दृष्टि से यह देश यूरोप के मध्य में है। इस लिहाज से इसे यूरोप में प्रवेश के लिए भारतीय निर्यात के हब के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। अभी भी यूरोप को होने वाला 20 फीसद भारतीय निर्यात नीदरलैंड के रास्ते ही होता है। नीदरलैंड ने भी भारत के साथ व्यापारिक रिश्ते बनाने में रुचि दिखायी है।
• यही वजह है कि केंद्र सरकार नीदरलैंड के साथ द्विपक्षीय स्तर पर कारोबारी रिश्तों को मजबूत बनाने की दिशा में बातचीत की शुरुआत कर सकती है। नीदरलैंड भी भारत के छोटे और मझोले उद्योगों में सहयोग की संभावनाएं तलाश रहा है।

6. भगोड़ों की संपत्ति जब्त करने वाला विधेयक मंजूर
• बैंकों को करोड़ों की चपत लगाकर विदेश भागने वाले लोगों की सम्पत्ति जब्त होगी। इससे न केवल उनकी सम्पत्ति जब्त होगी बल्कि उन्हें स्वदेश लाना आसान होगा।
• इस उद्देश्य की पूर्ति करने वाले अध्यादेश का स्थान लेने वाले भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक, 2018 पर बुधवार को संसद की मुहर लग गई। राज्यसभा ने बुधवार को इसे ध्वनिमत से पारित किया जबकि लोकसभा इसे गत बृहस्पतिवार को पारित कर चुकी है। गौरतलब है कि विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जैसे कारोबारियों द्वारा बैंकों से हजारों करोड़ रपए का ऋण लेने के बाद देश से फरार हो जाने की पृष्ठभूमि में यह विधेयक लाया गया है।
• विधेयक के उद्देश्य एवं कारण में कहा गया है कि आर्थिक अपराधी दंडात्मक कार्यवाही प्रारंभ होने की संभावना में या कभी कभी ऐसी कार्यवाहियों के लंबित रहने के दौरान भारतीय न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र से पलायन कर जाते हैं। भारतीय न्यायालयों से ऐसे अपराधियों की अनुपस्थिति के कारण कई हानिकारक परिणाम हुए हैं।
• इससे दंडात्मक मामलों में जांच में बाधा उत्पन्न होती है और अदालतों का कीमती समय बर्बाद होता है। आर्थिक अपराधों के ऐसे अधिकतर मामलों के बैंक ऋणों से संबंधित होने के कारण भारत में बैंकिंग क्षेत्र की वित्तीय स्थिति और खराब होती है।
• केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य भगोड़े आर्थिक अपराधियों को स्वदेश लाना और भविष्य में इस तरह की अपराध कर देश छोड़ कर भागने की प्रवृत्ति पर रोक लगाना है।

7. रोहिंग्या की पहचान के लिए राज्यों को निर्देश
• सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि देश में अवैध रूप से घुस आए रोहिंग्या लोगों की पहचान के लिए राज्य सरकारों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं जिनके बाद उन्हें वापस म्यामांर भेजा जाएगा।
• केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को सदन में एक पूरक सवाल के जवाब में बताया कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बंग्लादेश के विदेश मंत्री से रो¨हग्या मुद्दे पर र्चचा की है। देश के विभिन्न हिस्सों में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या लोगों की पहचान के लिए राज्य सरकारों को निर्देश दिए गए हैं। उनके बायो मैट्रिक्स के अलावा नाम, पता, आयु, व्यवसाय आदि के बारे में ब्यौरा लेने का कहा गया है।
• उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को स्पष्ट कहा गया है कि रो¨हग्या लोगों को किसी तरह के ऐसे कागजात लेने से रोका जाना चाहिए जिससे वह भविष्य में भारत की नागरिकता का दावा कर सकें। सिंह ने कहा कि राज्य सरकारों की रिपोर्ट मिलने के बाद गृह मंत्रालय इसे विदेश मंत्रालय को भेजेगा। इसके आधार विदेश मंत्री म्यांमार के विदेश मंत्री से बात करेंगी और अगर आवश्यक हुआ तो बंग्लादेश के साथ भी बातचीत की जाएगी।
• उन्होंने कहा कि रोहिंग्या को उनके देश म्यामांर भेजा जाएगा। इससे पहले गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि रोहिंग्या लोग देश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे हैं।

8. पहले तय होगा मस्जिद इस्लाम का अंग है या नहीं : सुप्रीम कोर्ट
• सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेता सुब्रrाण्यम स्वामी को अयोध्या पर अपनी याचिका का उल्लेख करने से रोक दिया। शीर्ष कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह पहले ‘क्या मस्जिद इस्लाम का अभिन्न अंग है’ सवाल पर फैसला सुनाएगा।
• भाजपा नेता से इसके बाद ही अयोध्या के विवादित स्थल पर पूजा करने का अधिकार दिलाने की मांग करने वाली अपनी याचिका का उल्लेख करने को कहा है।
• मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाली पीठ ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के मुस्लिम समूह की याचिका पर अपना फैसला 20 जुलाई को सुरक्षित रख लिया था। याचिका में मुस्लिम समूह ने पीठ से 1994 में दिए गए फैसले पर बड़ी पीठ से पुनर्विचार कराने का अनुरोध किया है। उस फैसले में पीठ ने कहा था कि मस्जिद इस्लाम का अभिन्न अंग नहीं है।
• अयोध्या मामले के मूल याचियों में से एक एम. सिद्दकी की मौत हो चुकी है। उनके कानूनी वारिस अब उनका प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उनके कानूनी वारिस ने एम. इस्माइल फारूकी के मामले में 1994 में दिए गए फैसले के कुछ पहलुओं पर सवाल उठाया है। सुनवाई कर रही पीठ में मुख्य न्यायाधीश के अलावा जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भी शामिल हैं।
• पीठ ने स्वामी से कहा कि वह इस मामले में फैसला आने के बाद अपनी याचिका सूचीबद्ध कराएं। भाजपा नेता ने अपनी याचिका में कहा है कि भगवान राम के जन्म स्थल पर बिना रोकटोक पूजा करने का उन्हें बुनियादी अधिकार है।
• चार दीवानी मामलों में हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ शीर्ष कोर्ट की विशेष पीठ के सामने कुल 14 अपील दायर की गई हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने 2010 में दो अनुपात एक के बहुमत से सुनाए गए फैसले में भूमि को तीन बराबर हिस्सों में बांटने का आदेश दिया था। जिन तीन पक्षों को जमीन देने को कहा था उनमें सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला शामिल हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *