_*01 May 2018(Tuesday)*_

*1.मोदी-पुतिन वार्ता से पहले हो सकता है समझौता*
• अपने सुरक्षा दायरे को मजबूत बनाने के लिए भारत रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम खरीदने जा रहा है। हालांकि दोनों देशों के बीच इसके लिए सहमति बन चुकी है, लेकिन अभी औपचारिक समझौता नहीं हो सका है। इसी साल समझौते को अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है।
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूसी राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन के साथ सितंबर या फिर अक्टूबर में शिखर वार्ता होनी है। उससे पहले इस अहम समझौते पर दोनों देशों के बीच हस्ताक्षर होने की उम्मीद की जा रही है। 1एस-400 मिसाइल सिस्टम एस-300 का परिष्कृत रूप है। भारत इसे चार हजार किलोमीटर लंबी चीनी सीमा पर तैनात करने के लिए खरीद रहा है।
• इसकी कीमत 40 हजार करोड़ रुपये है। इस सिस्टम की खास बात यह है कि हवा में चार सौ किमी दूर से ही यह दुश्मन की मिसाइल, लड़ाकू विमान व ड्रोन को नेस्तनाबूद कर सकता है।
• अमेरिका को नहीं भा रही दोस्ती : अमेरिका ने जनवरी में काटसा कानून को प्रभावी बना दिया है। इसके जरिये वह रूस व उससे दोस्ती रखने वाले देशों पर शिकंजा कसना चाहता है। ऐसे में भारत व रूस की इस डील के बाद अमेरिका की पेशानी पर बल पड़ना स्वाभाविक है। काटसा का जो दायरा है, उसके हिसाब से भारत को भी एस-400 समझौता सिरे चढ़ने के बाद अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा। हालांकि भारत के मामले में अमेरिकी सरकार खुद सशंकित है।
• रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस संसद में कह चुके हैं कि भारत पर प्रतिबंध अमेरिका के खुद के लिए घातक हो सकते हैं। 1चीन है पहला खरीदार : रूस के एस-4000 मिसाइल सिस्टम का पहला विदेशी खरीदार चीन है। चीन इसे रूस से हासिल करके अपनी सीमा पर तैनात करने की कार्यवाही कर रहा है।
• चीन की सरकार ने रूस से अर्सा पहले ही यह सिस्टम खरीद लिया था। जाहिर है कि इसके बाद भारत के लिए भी खुद को चाकचौबंद करना जरूरी हो गया है। ऐसे में उसे भी एस-400 जैसा या फिर उससे बेहतर सिस्टम सीमा पर लगाना होगा।
• भारत व रूस के बीच इस आशय का समझौता 2016 में हुआ था जबकि चीन ने 2014 में ही रूस से इसे खरीदने का करार कर लिया था। अब भारत ने भी इसके लिए तैयारी तेज कर दी है।
*2. उत्तर कोरिया दक्षिण के टाइम जोन में फिर होगा शामिल*
• दोनों कोरिया की ऐतिहासिक शिखर वार्ता के बाद आपसी मेलमिलाप के प्रयास शुरू हो गए हैं। उत्तर कोरिया ने सद्भावना के तहत दक्षिण के टाइम जोन में फिर शामिल होने का फैसला किया है। शनिवार को वह टाइम जोन एकीकरण के लिए अपनी घड़ी 30 मिनट आगे कर देगा। इसी तरह की भावना दिखाते हुए दक्षिण कोरिया ने उत्तर के खिलाफ प्रचार के लिए सीमा पर लगाए गए लाउडस्पीकर हटाने की घोषणा की है।
• दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन के साथ शुक्रवार को शिखर बैठक में उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने टाइम जोन बदलने का वादा किया था। उत्तर कोरिया ने 2015 में अपनी घड़ी आधा घंटा पीछे कर दक्षिण से अलग टाइम जोन कर दिया था।
• अलग-अलग समय देख किम को हुई थी पीड़ा : केसीएनए न्यूज एजेंसी के मुताबिक, शिखर बैठक के दौरान दीवार पर अलग-अगल समय बताने वाली दो घड़ियां देखकर किम को पीड़ा महसूस हुई थी। उन्होंने राष्ट्रीय तालमेल और एकता के पहले व्यावहारिक कदम के तौर पर टाइम जोन एक करने का फैसला किया।
• संसद ने दी मंजूरी : उत्तर कोरिया की संसद ने पांच मई से दक्षिण कोरिया के टाइम जोन में लौटने के फैसले को सोमवार को मंजूरी दे दी। मून के प्रवक्ता यून यंग-चान ने इसे दोनों देशों के बीच संबंध बेहतर होने का सांकेतिक कदम बताया है।
*3. ‘‘न्यू इंडिया 2022’ का विकास एजेंडा जल्द*
• नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने सोमवार को कहा कि आयोग ‘‘नया भारत 2022’ के लिए जल्दी ही विकास एजेंडा लाएगा। इसमें आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए रणनीति होगी।कुमार ने कहा कि नीति आयोग ‘‘नया भारत 2022’ के लिए विकास एजेंडा दस्तावेज को अंतिम रूप देने के बाद 15 साल के दृष्टिकोण पत्र पर काम करना शुरू करेगा।
• उन्होंने ‘‘एक खास बातचीत में कहा, ‘‘नीति आयोग दृष्टिकोण दस्तावेज और रणनीतिक मसौदा लाने को लेकर प्रतिबद्ध है। रणनीतिक दस्तावेज पर काम अग्रिम अवस्था में है और इसका नाम ‘‘न्यू इंडिया 2022’ के लिए विकास एजेंडा दस्तावेज होने की काफी संभावना है।
• ’कुमार ने कहा, ‘‘एक बार दस्तावेज के पूरा होने के बाद 2030 तक के लिए 15 साल का दृष्टिकोण-पत्र तैयार होगा।’ नीति आयोग ने तीन दस्तावेज लाने की योजना बनाई थी। इसके तहत तीन साल का कार्य एजेंडा, सात साल की मध्यम अवधि के रणनीतिक दस्तावेज तथा 15 साल का दृष्टिकोण पत्र बनाने की बात कही गई थी।
*4. आइपीओ के लिए चार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की पहचान*
• चालू वित्त वर्ष की बजट घोषणा के अनुरूप सरकार ने इस वर्ष शेयर बाजारों में सूचीबद्धता के लिए चार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) की पहचान की है।
• सूत्रों के मुताबिक इन बैंकों की सूचीबद्धता से संबंधित दिशा-निर्देश लगभग तैयार हैं। इनमें विनिवेश की मात्र और पब्लिक इश्यू के लिए निवेशकों की कैटेगरी जैसे विषयों पर विस्तार से जिक्र किया गया है। सूत्रों ने कहा कि इन ग्रामीण बैंकों का प्रारंभिक पब्लिक ऑफर (आइपीओ) इसी वर्ष लाए जाने की पूरी संभावना है।
• इस वर्ष बजट भाषण में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में ज्यादा कर्ज वितरित करने के लिए मजबूत वित्तीय स्थिति वाले क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को पूंजी बाजार से रकम जुटाने का प्रस्ताव है। शेयर बाजार से पूंजी जुटाने की पात्रता हासिल करने के लिए ही उनके लिए कई सुधारों को अनिवार्य किया गया। इनमें कॉरपोरेट गवर्नेस कंप्लायंस, तकनीकी सळ्धार एवं क्षमता निर्माण जैसे सुधार प्रमुख हैं।
• देश में 56 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक हैं। इनका संयुक्त बैलेंस शीट आकार 4.7 लाख करोड़ रुपये है। नाबार्ड ने मार्च, 2017 में खत्म हुए वित्त वर्ष के लिए ग्रामीण बैंकों की वित्तीय स्थिति के जो आंकड़े जारी किए हैं, उसके मुताबिक 50 ग्रामीण बैंक मुनाफे में चल रहे हैं।
• वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान ग्रामीण बैंकों ने कुल 21,200 शाखाओं के माध्यम से 17 फीसद उछाल के साथ कुल 2,950 करोड़ रुपये शुद्ध मुनाफा अर्जित किया। विभिन्न योजनाओं में उनके द्वारा दिए कर्ज और अग्रिम की कुल राशि भी 15 फीसद बढ़कर 3.5 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई।
*5. हर बैंक में होगा अपना लोकपाल*
• खाताधारकों की शिकायतों का निस्तारण सही से न करने और अपने खाताधारकों को संतुष्ट न कर पाने पर आरबीआइ बैंकों के खिलाफ सख्त रुख अपनाने जा रहा है। अब हर बैंक को अपना बैंकिंग लोकपाल रखना होगा। वहां से ही तय समय में शिकायत का निस्तारण होगा। निस्तारण न होने या निस्तारण से असंतुष्ट होने पर खाताधारक आरबीआइ के बैंकिंग लोकपाल कार्यालय में वाद दाखिल कर सकेंगे।
• निस्तारण में कोताही मिलने पर बैंकों के खिलाफ पेनाल्टी भी लगाई जाएगी। बैंकों के खिलाफ ग्राहकों का असंतोष बढ़ता जा रहा है। यहां तक कि एटीएम में पैसे फंसने के मामलों को भी बैंक नहीं निपटा पा रहे हैं और ग्राहकों को आरबीआइ के बैंकिंग लोकपाल का सहारा लेना पड़ रहा है। ऐसे मामलों में बैंकों को मुंह की खानी पड़ी है और ग्राहकों को पैसा वापस करना पड़ा है।
• आरबीआइ के शीर्ष प्रबंधन मंडल के एक अधिकारी का कहना है कि ऐसे मामले बैंक स्वत: निपटा सकते थे, लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहे हैं। ऐसे में अब हर बैंक में बैंकिंग लोकपाल नियुक्त किया जाएगा। इसका मसौदा तैयार किया जा रहा है। जल्द ही इसे अनुमति के लिए वित्त मंत्रलय भेजा जाएगा।
• इसके तहत प्राथमिक तौर पर शिकायत निस्तारण के लिए बैंक ही जिम्मेदार होंगे। आरबीआइ के बैंकिंग लोकपाल अपीलीय अधिकारी होंगे
• पहले बैंक को खुद ही करना होगा तय समय में शिकायत का निस्तारण
• असंतुष्ट होने पर ग्राहक आरबीआइ लोकपाल कार्यालय में कर सकेंगे वाद4पहली शिकायत अपनी बैंक शाखा के प्रबंधक से लिखित में कर रिसीविंग जरूर लें।
*6. आठ इकोनॉमिक एक्सप्रेस-वे बनाए जाएंगे, खेतों-जंगलों से गुजरेगी सड़क*
• केंद्र सरकार देश में आठ इकोनॉमिक एक्सप्रेस-वे बनाएगी। यह कम लागत और समय में बनाए जाएंगे। यह एक्सप्रेस-वे कम विकसित क्षेत्रों, खेतों या जंगलों से गुजरेंगे। इससे भूमि अधिग्रहण में ज्यादा परेशानी नहीं होगी और मुआवजा भी 90 फीसदी तक कम देना होगा। मौजूदा समय में प्रति हेक्टेयर औसतन 7 से 8 करोड़ रुपए मुआवजा देना पड़ता है।
• अभी अक्सर पुरानी सड़क को चौड़ा कर 2 से 6 या 8 लेन किया जाता है। नए एक्सप्रेस-वे का एलाइनमेंट अलग होगा। नए एलाइनमेंट तय होने के बाद इनकी लागत पता चलेगी। नए एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अधिग्रहण संबंधी काम शुरू हो चुका है। नेशनल अथॉरिटी ऑफ इंडिया इस साल के आखिरी तक कई एक्सप्रेस-वे के अवार्ड जारी कर देगी।
• अगले साल की शुरुआत में निर्माण शुरू होने की संभावना है। दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेस-वे की डीपीआर सड़क परिवहन मंत्रालय से मंजूर हो चुकी है।
*7. सिक्किम के सीएम ने तोड़ा ज्योति बसु का रिकॉर्ड*
• सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन चामलिंग (67) देश में लगातार सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद पर रहने वाले व्यक्ति बन गए हैं। उन्होंने पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे ज्योति बसु का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है।
• प्रदेश में सत्तारूढ़ सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के संस्थापक अध्यक्ष पवन चामलिंग ने पहली बार 12 दिसंबर, 1994 को राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इस तरह उन्होंने सोमवार को इस पद पर 23 साल चार माह और 18 दिन पूरे कर लिए।
• इससे पहले ज्योति बसु सबसे अधिक समय तक सीएम (पश्चिम बंगाल) पद पर रहे थे। उन्होंने 21 जून, 1977 को पद संभाला था और छह नवंबर, 2000 को स्वास्थ्य कारणों से राज्य की बागडोर बुद्धदेव भट्टाचार्य को सौंपी थी।
• पवन चामलिंग का जन्म 22 सितंबर, 1950 को दक्षिण सिक्किम के यान्गैंग में हुआ था। उनकी मां का नाम आशा रानी चामलिंग और पिता का नाम लेफ्टिनेंट आश बहादुर है। 10वीं की पढ़ाई के बाद उन्होंने स्कूल छोड़ दिया था।
• 32 वर्ष की आयु में राजनीतिक करियर प्रारंभ हुआ। 1989 से 1992 तक वह नर बहादुर भंडारी सरकार में उद्योग, सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री रहे। उन्होंने 1993 में एसडीएफ की स्थापना की थी।

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