1.पुतिन की एबी से सात दशक पुराना विवाद खत्म कर समझौते की पेशकश
• पुराना रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबी के समक्ष शांति समझौते की पेशकश की है। दोनों देशों के बीच प्रशांत महासागर में स्थित कुछ द्वीपों को लेकर सात दशक से विवाद चल रहा है। इसके चलते द्वितीय विश्वयुद्ध समाप्त होने के बाद भी दोनों की शत्रुता पूरी तरह खत्म नहीं हुई।
• ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में बुधवार को यहां एक प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान पुतिन ने कहा, ‘मेरे दिमाग में एक सुझाव है। साल के अंत से पहले हमें बिना किसी पूर्व शर्त के शांति समझौता करना चाहिए। धीरे-धीरे विवाद सुलझने चाहिए।’ फोरम में मौजूद जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबी ने तुरंत इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
• द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के दौरान रूस की रेड आर्मी ने इन द्वीपों पर कब्जा कर लिया था। इन पर अब भी रूस का ही नियंत्रण है।
• दोनों ही देश द्वीपों पर अपनी संप्रभुता का दावा करते हैं।1उत्तर कोरिया को सुरक्षा देने की मांग : रूस के राष्ट्रपति ने उत्तर कोरिया को परमाणु निरस्त्रीकरण कार्यक्रम के बदले उसे सुरक्षा की गारंटी देने की मांग की है।
• इकोनॉमिक फोरम में उन्होंने कहा, ‘उत्तर कोरिया ने अपने लिए सुरक्षा की मांग की थी। वह इस संबंध में प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहा है।
• बिना कुछ दिए केवल अपनी मांगें मनवाना अनुचित है। अमेरिका के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उसे सुरक्षा की गारंटी मिलनी चाहिए।’

2. व्यापार समझौते को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप बोल रहे हैं आधा सच
• जाने-माने पत्रकार बॉब वुडवर्ड ने अपनी किताब ‘फियर : ट्रंप इन द व्हाइट हाउस’ में दावा किया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना दोस्त करार दिया था, जिन्होंने उन्हें बताया था कि अमेरिका को अफगानिस्तान में कुछ भी हासिल नहीं हुआ।
• मंगलवार को बाजार में आई वुडवर्ड की इस किताब में ट्रंप के हवाले से कहा गया है, ‘भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेरे दोस्त हैं, मैं उन्हें बेहद पसंद करता हूं।’ हालांकि उनकी किताब बाजार में आते ही विवादों में घिर गई है क्योंकि इसमें ट्रंप को अराजक, अस्थिर और बेखबर बताया गया है। वहीं, व्हाइट हाउस ने किताब को गैरजिम्मेदाराना और काल्पनिक करार दिया है तो राष्ट्रपति ने इसे मजाक बताया।
• वुडवर्ड के मुताबिक, ट्रंप ने उक्त टिप्पणी पिछले साल 19 जुलाई को व्हाइट हाउस में सिचुएशन रूम मीटिंग के दौरान की थी। इसके तीन हफ्ते पहले ही 26 जून को उन्होंने व्हाइट हाउस में मोदी के साथ एक सफल मुलाकात की थी। इसके छह महीने बाद ही एक जनवरी को अपने न्यू ईयर ट्वीट में ट्रंप ने पाकिस्तान को सभी तरह की सैन्य मदद रोकने की घोषणा की थी।
• उनका कहना था कि पाकिस्तान अपनी जमीन से संचालित हो रहे आतंकी संगठनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
• उनका कहना था, ‘पाकिस्तान हमारी कोई मदद नहीं कर रहा है। वह वास्तव में हमारा दोस्त नहीं है। हालांकि अमेरिका ने उसे प्रतिवर्ष 1.3 अरब डॉलर की मदद दी।

3. आसियान नेताओं ने संरक्षणवाद को लेकर चेताया
• एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियाई नेशंस (आसियान) के नेताओं ने क्षेत्रीय विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के शिखर सम्मेलन में एक सत्र के दौरान बुधवार को ‘‘चौथी औद्योगिक क्रांति’ को पुनर्जीवन प्रदान करने के लिए क्षेत्र के देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया और बढ़ते व्यापार संरक्षणवाद के खिलाफ चेतावनी दी।
• समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विदोदो ने कहा कि व्यापार युद्ध पहले भी एक वास्तविकता रही थी और क्षेत्र में इससे जूझने की क्षमता है।
• उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से चीन और अमेरिका के बीच चल रहे टैरिफ युद्ध का जिक्र किए बगैर ये बातें कही। विदोदो ने एवेंजर्स फिल्म का संदर्भ देते हुए कहा, ‘‘1930 के दशक की विशाल मंदी के बाद से व्यापार में तेजी आई है। आश्वस्त रहें, मैं और मेरे एवेंजर्स साथी आबादी के आधे हिस्से को खत्म करने में लगे थानोस से मुकाबले के लिए तैयार हैं।’
• हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि व्यापार युद्ध ‘‘एवेंजर्स इन्फिनिटी वॉर’ की साजिश नहीं बनना चाहिए और जोर देकर कहा कि यह कहना गलत होता कि ‘‘कुछ देशों के उदय से दूसरे देशों का पतन होता है।’ अन्य आसियान नेताओं ने भी क्षेत्रीय सहयोग और खुलेपन पर जोर दिया। पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के उपराष्ट्रपति हू चुनुआ ने एक तेजी से बढ़ते संरक्षणवाद की निंदा की और अधिक खुली वैश्विक अर्थव्यवस्था की मांग की।
• उन्होंने कहा, चीन यदि अपने दरवाजे को पूरा खोलने का संकल्प ले तो भी काम नहीं बनेगा। हम अपनी गति से आगे बढ़ने का प्रयास करेंगे। इससे आसियान देशों और अन्य देशों को अवसर मिलेंगे।’

NATIONAL

4. दागी सांसदों, विधायकों की सही संख्या बताएं राज्य : सुप्रीम कोर्ट ने दिए निर्देश
• सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तथा हाई कोटरे से कहा है कि वे सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित सारे मामलों का पूरा विवरण पेश करें। अदालत ने 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तथा उनके हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से कहा कि वे इस समय लंबित उन मुकदमों की सही संख्या बताएं, जिन्हें पूरी तरह सांसदों और विधायकों के मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालतों को सौंपा जाना है।
• जस्टिस रंजन गोगोई और नवीन सिन्हा की बेंच ने इस तय का संज्ञान लिया कि 11 राज्यों में 12 विशेष अदालतें गठित की जा चुकी हैं। अदालत ने राज्यों और हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से कहा कि अपेक्षित जानकारी उसके समक्ष 10 अक्टूबर तक पेश की जाए। इस मामले में अब 10 अक्टूबर को आगे सुनवाई होगी।
• अदालत ने अपने आदेश में इस तय को नोट किया कि गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, असम, पंजाब और चंडीगढ़ सहित 25 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों ने सुप्रीम कोर्ट के एक नवम्बर, 2017 और इस साल 21 अगस्त के आदेश के बावजूद अभी तक कोई जानकारी नहीं दी है।
• अदालत ने अपने आदेश में कहा कि हम स्पष्ट रूप से दो प्राधिकारियों-राज्यों के मुख्य सचिवों और हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश देते हैं कि वे इस समय लंबित उन मामलों, जिन्हें विशेष अदालतों को सौंपने की आवश्यकता है, की सही संख्या बताएं, यह भी बताएं कि क्या गठित की गई 12 विशेष अदालतें काम कर रही हैं और क्या स्थानांतरित किए जाने वाले मुकदमों की संख्या को देखते हुए अतिरिक्त अदालतों के गठन की आवश्यकता है।
• सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यह जानकारी मिलने के बाद शीर्ष अदालत, यदि जरूरी हुआ, सुनवाई की प्रत्येक तारीख पर कई राज्यों को एकसाथ करके अपने आदेशों के अनुपालन की निगरानी करेगी। याचिकाकर्ता और अधिवक्ता अश्चिनी कुमार उपाध्याय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता साजन पूवैया ने न्याय विभाग के हलफनामे का जिक्र किया और कहा कि 11 राज्यों में 12 विशेष अदालतें गठित की गई हैं लेकिन इन अदालतों को सौंपे गए मुकदमों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
• उन्होंने कहा कि सरकार के हलफनामे के अनुसार आंध्र प्रदेश में एक विशेष अदालत गठित की गई है जिसमें 25 मुकदमे स्थानांतरित किए गए हैं लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि पूरे राज्य में सांसदों और विधायकों से संबंधित सिर्फ 25 मुकदमे ही हैं।

5 . चुनाव से पहले मोदी सरकार का किसानों पर फोकस, आशा योजना मंजूर
• आम चुनाव में जाने से पहले भाजपा नेतृत्व वाली मोदी सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने के अपने चुनावी वादे को पूरा करने के लिए बुधवार को एक और कदम उठाया है। कैबिनेट ने किसानों को फसलों का लाभकारी मूल्य दिलाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) को आज मंजूरी दे दी।
• इथेनॉल कीमत बढ़ाने का भी फैसला लिया गया है, इससे भी किसानों की आय बढ़ेगी। सरकार ने किसानों की आमदनी को यकीनी बनाने के लिए 16550 करोड़ की बैंक गारंटी का भी प्रावधान किया है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में किसानों के हित में तीन योजनाओं वाली एक छत्तरी योजना प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान को मंजूरी दी है। इस योजना में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की गारंटी दी गई है।
• यदि किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम की दर मिलती है तो उसकी भरपाई सरकार करेगी। बैठक के बाद कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस नयी योजना के तहत पहले से चल रही मूल्य समर्थन योजना, मूल्य अंतर भुगतान योजना (भावान्तर) तथा निजी खरीद एवं भंडारण को पायलट योजना के रूप में शामिल किया गया है।
• सरकार ने अधिक मात्रा में फसलों की खरीद के लिए निजी क्षेत्र की खरीद योजना को पायलट योजना के रुप में मंजूरी दी है। इसके तहत राज्य चुनिंदा जिलों में तिलहनों की खरीद कर सकते हैं। इस योजना के तहत अधिसूचित समय के दौरान अधिसूचित बाजार में निबंधित किसानों से चुनी गयी निजी एजेंसी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद कर सकेगी।
• सरकार ने इस वर्ष फसलों की खरीद के लिए 16550 करोड़ रपए के बैंक गारंटी का प्रावधान किया है। गन्ने से शत-प्रतिशत इथेनॉल बनाने वाली मिलों को 59 रपए प्रति लीटर की सब्सिडी : कैबिनेट ने चीनी उत्पादन को हतोत्साहित करने और गन्ने से सीधे इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए गन्ने से शत-प्रतिशत इथेनॉल बनाने वाली मिलों को 59.19 रपए प्रति लीटर की सब्सिडी देने की घोषणा की है।
• कैबिनेट के निर्णय के अनुसार जो कंपनियां गन्ने के रस से चीनी का उत्पादन किये बिना सीधे शत-प्रतिशत इथेनॉल बनायेंगी उन्हें सरकार प्रति लीटर 59.19 रपए की सब्सिडी देगी। इससे देश में इथेनॉल का उत्पादन बढ़ेगा। पेट्रोल में मिल सकता है 10 फीसद इथोनॉल : वर्तमान व्यवस्था के तहत पेट्रोल में 10 प्रतिशत तक इथोनॉल मिलाया जा सकता है। सरकार का लक्ष्य इथेनॉल का इस्तेमाल बढ़ाकर कच्चे तेल का आयात कम करना है।
• देश में वर्तमान में भारी मा में चीनी का भंडार है और इस फैसले से गन्ना किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सकेगा। चीनी न बनाने के कारण मिलों को होने वाले नुकसान की भरपाई उन्हें ज्यादा मूल्य देकर की जायेगी।

6 . नगालैंड में विद्रोही गुटों से शांति वार्ताओं का नया दौर शुरू
• नगालैंड में सक्रिय तकरीबन आधा दर्जन विद्रोही गुटों से शांतिवार्ताओं का नया दौर फिर से शुरू हो गया है। भारत सरकार द्वारा नगालैंड में नवनियुक्त चेयरमैन- सीजफायर मानीटरिंग ग्रुप (सीएमजी) लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) शौकीन चौहान ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद कहा कि उनकी प्राथमिकता वहां सक्रिय विभिन्न विद्रोही गुटों से शांतिवार्ता कर सीजफायर को बरकरार रखने की है।
• उन्होंने कहा कि सभी गुटों का विास जीतना उनकी प्राथमिकता होगी। लेफ्टिनेंट जनरल (रि) श्री चौहान ने अपनी नयी तैनाती पर पिछले सप्ताह कार्यभार ग्रहण किया और उसके बाद से सभी सक्रिय विद्रोही गुटों से एक एक कर बातचीत करना शुरू भी कर दिया है।
• नवनियुक्त चेयरमैन सीएमजी ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद ‘‘राष्ट्रीय सहारा’ से विशेष बातचीत में कहा कि जिस उम्मीद के साथ केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने उन्हें नगालैंड भेजा है, उस उम्मीद पर खरा उतरने का हर संभव प्रयास करेंगे। लेफ्टिनेंट जनरल शौकीन चौहान असम राइफल के महानिदेशक पद से बीते अप्रैल माह में सेवानिवृत्त हुये थे। सेना में उनके द्वारा दिये गये शानदार योगदान के चलते केन्द्र सरकार ने उन्हें जल्दी ही नयी नियुक्ति पर भेजने का निर्णय लिया।
• नगालैंड में मुख्य रूप से तीन विद्रोही गुट- नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल आफ नागालैंड- आईएम (एनएससीएन-आईएम), एनएससीएन-आर तथा एनएससीएन- एनके सक्रिय हैं। बताया जाता है कि एनएससीएन-आईएम से भारत सरकार की ट्यूनिंग इस वक्त ठीक चल रही है। नागा इंसज्रेसी लम्बे समय से चली आ रही है और भारत सरकार के लिए यह बराबर एक चुनौती ही है।नगालैंड में सीजफायर मानीटरिंग ग्रुप (सीएमजी) का गठन भारत सरकार ने वर्ष 2001 में किया था। इसका मुख्य उद्देश्य वहां विद्रोही गुटों से शांतिवार्ता करना और राज्य में शांति कायम रखने में अग्रणी भूमिका निभाना है।
• नवनियुक्त चेयरमैन- सीएमजी लेफ्टिनेंट जनरल (रि) शौकीन चौहान ने डी के पाठक का स्थान लिया है, जो 9 अगस्त को सेवानिवृत्त हो गये थे। इस पद पर वह पहले ऐसे अधिकारी थे जो पुलिस सेवा (आईपीएस) से आये थे।
• चेयरमैन-सीएमजी पद पर तैनाती से पहले वह बीएसएफ के महानिदेशक थे। पाठक ने वर्ष 2016 में अपने पूर्ववर्ती लेफ्टिनेंट जनरल (रि) एन के सिंह का स्थान लिया

DEFENCE

7. राफेल लड़ाकू विमान से मजबूत होगी वायुसेना
• राफेल विवाद में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने सरकार के विमान खरीदने की नीति का समर्थन किया है। धनोआ ने कहा कि राफेल लड़ाकू विमान के जरिये हम सामने खड़ी मुश्किलों का सामना कर पाएंगे। धनोआ का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब राफेल डील पर कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष पिछले कुछ समय से केंद्र की सरकार को घेरने में लगा है।
• बुधवार को दिल्ली में ‘भारतीय वायुसेना के बल की संरचना 2035’ पर एक संगोष्ठी में धनोआ ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि सरकार भारतीय वायुसेना की क्षमताएं बढ़ाने के लिए राफेल लड़ाकू विमान और एस-400 मिसाइल खरीद रही है। आज दुनिया में बहुत कम ऐसे देश हैं जो हमारी तरह की दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। हमारे दोनों तरफ परमाणु शक्ति वाले देश हैं।
• वायुसेना प्रमुख ने कहा कि आज हमारे पास कुल 31 दस्ते हैं, लेकिन वास्तविक स्थिति में हमें 42 दस्तों की जरूरत है। पाकिस्तान और चीन की ओर इशारा करते हुए वायुसेना अध्यक्ष ने कहा कि हमारे दोनों ही पड़ोसी निष्क्रिय नहीं बैठे हैं। चीन अपनी वायुसेना का आधुनिकीकरण कर रहा है और हमारे प्रतिद्वंद्वियों का इरादा रातों रात बदल सकता है। ऐसे में हमें अपने प्रतिद्वंदियों के स्तर का बल तैयार करने की जरूरत है।
• धनोआ ने बताया कि ‘हमारे सूत्रों के अनुसार चीन के पास करीब 1700 युद्धक विमान हैं जिनमें, 800 चौथी पीढ़ी के है’ं। इसका इस्तेमाल हमारे खिलाफ किया जा सकता है। वहीं पाकिस्तान ने भी एफ-16 विमानों के फ्लीट को अपग्रेड किया है और उसे चौथी और पांचवीं पीढ़ी में बदल रहा है।
• वायुसेना प्रमुख ने राफेल विमान के केवल दो बेड़ों की खरीद को भी उचित ठहराया। उनके मुताबिक पहले भी इस तरह की खरीद के उदाहरण मौजूद हैं। धनोआ ने कहा, राफेल जैसे हाइटेक विमान हमारी जरूरत हैं क्योंकि तेजस अकेले मुश्किलों का सामना नहीं कर सकता है।

ENVIRONMENT

8. पिघलती बर्फ का पता लगाएगा सेटेलाइट
• समुद्र का जलस्तर बढ़ने में बर्फ की परतों की भूमिका की जानकारी देगा नासा का यह उपग्रह1वाशिंगटन, प्रेट्र : नासा एक ऐसा सेटेलाइट लॉन्च करने की तैयारी में है, जो धरती पर बर्फ की परतों, ग्लेशियरों और समुद्री बर्फ में होने वाले बदलावों का पता लगाएगा। इस सेटेलाइट में बेहद आधुनिक लेजर उपकरण लगाए गए हैं। इनका अभी तक कभी भी अंतरिक्ष में प्रयोग नहीं किया गया है।
• अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने क्लाउड एंड लैंड एलवेशन सेटेलाइट-2 (आइससेट-2) को लॉन्च करन के लिए 15 सितंबर की तारीख तय की है। प्रति सेकेंड 60 हजार मापों को कैप्चर करने में सक्षम यह सेटेलाइट ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका को ढकी बर्फ की ऊंचाई में औसत बदलाव का पता लगाएगा।
• अमेरिका स्थित नासा के साइंस मिशन निदेशालय से माइकल फ्रीलिच कहते हैं, आइससेट-2 के जरिये हमें यह पता चल सकेगा कि ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका के जलस्तर को बढ़ाने में बर्फ की परतों की कितनी भूमिका है। नासा के बयान के मुताबिक, आइससेट-2 में इस प्रकार की टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है कि वह बर्फ की ऊंचाई में आने वाले परिवर्तन का आसानी से पता लगाने में सक्षम है।
• इसका एडवांस्ड टोपोग्राफिक लेजर एल्टीमीटर सिस्टम (एटलस) लाइट फोटोन्स के जरिये बर्फ की ऊंचाई में परिवर्तन का पता लगाएगा। इसके लिए स्पेसक्राफ्ट से धरती तक जाने और वापस लौटने में लगे फोटोन्स के समय का इस्तेमाल किया जाएगा।
• नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर से आइससेट-2 के प्रोजेक्ट मैनेजर डौग मैकलेनान कहते हैं, एटलस को तैयार करने के लिए वर्तमान में प्रयोग हो रही तकनीकों से आगे बढ़कर हमने बेहतर और आधुनिक तकनीक तैयार की। एटलस हर सेकेंड में 10 हजार बार लेजर छोड़ेगा, जिसमें सैकड़ों टिलियन फोटोन्स होंगे। इसके लिए हरे प्रकाश वाली छह बीम्स का प्रयोग करेगा।
• यह मिलेगी मदद : वैज्ञानिकों के मुताबिक, इससे प्राप्त डाटा की मदद से समुद्री लहरों, तूफानों और जलाशय स्तरों का पता लगाया जा सकेगा। इसके बाद जरूरत पड़ने पर उस स्थान पर जरूरी कदम उठाए जाने के लिए योजनाएं बनाई जा सकेंगी।

Sorce of the News (With Regards):- compile by Dr Sanjan,Dainik Jagran(Rashtriya Sanskaran),Dainik Bhaskar(Rashtriya Sanskaran), Rashtriya Sahara(Rashtriya Sanskaran) Hindustan dainik(Delhi), Nai Duniya, Hindustan Times, The Hindu, BBC Portal, The Economic Times(Hindi& English)

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