01 May _*दैनिक समसामयिकी*_
_*30 April 2018(Monday)*_
*1.ईरान पर अमेरिका हुआ सख्त : सऊदी अरब से कतर के साथ विवाद सुलझाने को कहा*
• अमेरिका, मिसाइल कार्यक्रम को लेकर ईरान को दंडित करना चाहता है और वह इसके लिए अपने सहयोगी देशों को एकजुट करने में लगा है। ईरान को सबक सिखाने के साथ ही वह सउदी अरब और उसके पड़ोसी देशों को समझा रहा है कि वे कतर के साथ अपने लंबे समय से चले आ रह विवादों को सुलझाएं क्योंकि इसी विवाद का फायदा उठाकर ईरान यमन और सीरिया समेत क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने में लगा है।
• अमेरिका के विदेशमंत्री माइक पोम्पियो ने अपनी पहली विदेश यात्रा के पश्चिम एशिया दौरे का इस्तेमाल ईरान को उसके मिसाइल कार्यक्रम को लेकर दंडित करने के लिए समेकित अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई का आह्वान करने के वास्ते किया। पोम्पियो ने इसके साथ ही सऊदी अरब और उसके पड़ोसियों से आग्रह किया कि वह कतर के साथ लंबित विवाद को सुलझायें।
• उन्होंने कहा कि अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि ईरान इसका इस्तेमाल यमन और सीरिया सहित क्षेत्र पर अपना प्रभाव बढाने के लिए कर रहा है।
• पोम्पियो ने आज सऊदी अरब के शाह सलमान से मुलाकात की। सऊदी अरब के अलावा बहरीन, मिस और संयुक्त अरब अमीरात, कतर के साथ विवाद में फंसे हुए हैं। इस विवाद के चलते खाड़ी अरब की एकता में अड़ंगा लगा है और अमेरिका को परेशान किया है क्योंकि वह ईरान पर अंकुश लगाना चाहता है।
• सीआईए के पूर्व प्रमुख एक दिन पहले ही रियाद पहुंच गए थे। इससे कुछ ही समय पहले ईरान समर्थित हुथी विद्रोहियों ने सऊदी अरब दक्षिणी शहर जिजान पर मिसाइलें दागी थीं जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।
*2. मई में परमाणु परीक्षण स्थल बंद करेगा उ. कोरिया*
• उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने मई में देश के परमाणु परीक्षण स्थल को बंद करने का वादा किया है और अमेरिकी हथियार विशेषज्ञों को देश में आमंत्रित किया है। दक्षिण कोरिया ने रविवार को यह जानकारी दी। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दक्षिण कोरियाई सरकार के साथ परमाणु करार करने की उम्मीद जताई है।
• दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जेई-इन और किम जोंग उन के बीच शुक्रवार को हुई ऐतिहासिक शिखर वार्ता के बाद सामने आया उत्तर कोरिया का यह वादा दरअसल कई हफ्तों के कूटनीतिक प्रयासों का नतीजा है।
• दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जेई-इन के प्रवक्ता यून यंग-चान ने कहा, ‘‘ राष्ट्रपति मून के साथ बैठक के दौरान किम ने कहा कि वह मई में परमाणु परीक्षण स्थल बंद कर रहे हैं और जल्द ही दक्षिण कोरियाई और अमेरिकी विशेषज्ञों को पत्रकारों के साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने इस प्रक्रिया का खुलासा पारदर्शिता के साथ करने के लिये बुलाएंगे।’
• यून के मुताबिक, ‘‘किम ने कहा कि अमेरिका हमारे बारे में अप्रिय सोच रखता है, लेकिन एक बार हम बात शुरू करेंगे तब अमेरिका यह जानेगा कि मैं ऐसा शख्स नहीं हूं जो दक्षिण कोरिया, प्रशांत क्षेत्र या अमेरिका पर परमाणु हथियार छोड़ूंगा।’
• यून ने उत्तर कोरियाई नेता को उद्धृत करते हुए कहा, ‘‘ हम अगर अक्सर (अमेरिका के साथ) बैठक करते हैं और विासपूर्ण संबंध बनाते हैं , युद्ध खत्म करते हैं और वस्तुत: आक्रमण नहीं करने का वादा करते हैं तो हम परमाणु हथियारों के साथ क्यों रहेंगे ?’ उनके इस बयान को ट्रंप के साथ उनकी प्रस्तावित शिखर वार्ता से पहले रिश्तों में गर्माहट बढ़ाने वाले बयान के तौर पर देखा जा रहा है। अमेरिकी नेता ने कहा था कि यह मुलाकात अगले तीन-चार हफ्तों में हो सकती है।’
*3. दलवई समिति की सिफारिशों में होगा पांच बिन्दुओं पर जोर*
• किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा गठित अंतर मंत्रालयी समिति द्वारा पेश की जाने वाली रिपोर्ट में मुख्यतया पांच बिन्दुओं पर फोकस किया जाएगा जिसमें कृषि उपज बढ़ाने, किसानों की आय दोगुनी करने, किसानों को फसल की अच्छी कीमत दिलाने, प्राकृतिक दिक्कतों से पैदा हो हुए जोखिम का प्रबंधन करने और भूमि व पानी जैसे संसाधन की कमी दूर करने जैसे उपाय सुझाए जाएंगे।
• दलवई ने कहा, ‘‘असल में हम जो सिफारिश करने जा रहे हैं वह उत्पादन उन्मुखी ना होकर आय उन्मुखी होगी। इसके पीछे उद्देश्य किसानों को कृषक से उद्यमी बनाने का है। इसका अर्थ है कि किसान मुनाफे के सिद्धांत पर अपनी जमीन में खेती करेंगे, पशुपालन और मत्स्य पालन आदि का अभ्यास करेंगे।’
• समिति मई में अपनी रपट सौंपेगी।रपट तीन मुख्य पहलुओं पर केंद्रित होगी। इसमें उत्पादकता कैसे बढ़ाएं, खेती की लागत में कमी और किसानों को फसल की अच्छी कीमत दिलाने के लिए बाजार को अधिक दक्ष बनाना शामिल है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा चौथा पहलू है कि कृषि का काम जोखिम से भरा है। आप बुआई कर सकते हैं लेकिन हो सकता है बारिश न हो।इसलिए कृषि के हर चरण में जोखिम है।
• जोखिम का प्रबंधन कैसे किया जाए यह भी महत्वपूर्ण होगा। पांचवा पहलू संसाधनों का स्थायित्व है, क्योंकि पानी और जमीन जैसे संसाधन की कमी होती जा रही है, इसलिए स्थिर प्रौद्योगिकियों की भी आवश्यकता है।
*4. महत्वपूर्ण क्षेत्रों में 19% तक कम हुआ बैंक ऋण*
• गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) के भारी बोझ तले दबे बैंकों और कर्ज से जूझ रहे उद्योग जगत द्वारा नए निवेश के प्रति रुझान में कमी से अधिकतर औद्योगिक क्षेत्रों में बैंक ऋण का उठाव नहीं हो पा रहा है।
• उद्योग संगठन एसोचैम के अनुसार, चीनी, पेट्रोलियम, कोयला उत्पाद, पेट्रो केमिकल, सीमेंट, सीमेंट उत्पाद, बेसिक मेटल और धातु उत्पाद क्षेत्र में वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान बैंक ऋण उठाव में दो प्रतिशत से 19 फीसद तक की गिरावट आई है। यहां तक की सामान्य मानसून के कारण बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद वाले खाद्य क्षेत्र में भी वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान 16 फरवरी तक 19.3 फीसद तक की ऋण उपलब्धतता में गिरावट आई है।
• इसी अवधि में पेट्रोल केमिकल कंपनियों में ऋण उठाव में 19 फीसद से अधिक की कमी आई है। सड़क, बिजली और दूरसंचार जैसे बुनियादी क्षेत्रों में 1.6 से छह फीसद तक ऋण इस्तेमाल घटा है। एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने कहा, ऋण इस्तेमाल के रिजर्व बैंक के आंकड़े में दोहरी बैलेंस शीट की समस्या उजागर होती है।
*5. पहली बार भारत-पाकिस्तान की सेना एक साथ करेंगी युद्ध अभ्यास*
• रूस में सितंबर में होने वाले बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में पहली बार एक-दूसरे के विरोधी भारत और पाकिस्तान की सेनाएं हिस्सा लेंगी। आतंकवादी गतिविधियों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से होने वाले इस सैन्य अभ्यास में रूस, चीन और शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों की सेना भी शामिल होंगी।
• यूएन शांति मिशन में भारत आैर पाकिस्तान की सेनाएं एक साथ रही हैं, लेकिन आजादी के बाद पहली बार ऐसा होगा, जब किसी बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में दोनों धुर विरोधी देशों की सेनाएं एक साथ अभ्यास का हिस्सा होंगी।
*6. हाइपरसोनिक क्षमता हासिल करेगी ब्रह्मोस*
• विश्व की सबसे तेज गति की क्रूज (नीचे उड़ने वाली कंप्यूटर निर्देशित) मिसाइल ब्रह्मोस उन्नत इंजन के साथ दस साल में हाइपरसोनिक क्षमता हासिल कर लेगी और मैक- 7 (ध्वनि की गति की सात गुना की सीमा) को पार कर लेगी। इस मिसाइल को भारत – रूस ने मिलकर विकसित किया है।
• संयुक्त उपक्रम कंपनी ब्रह्मोस एयरोस्पेस के मुख्य कार्यकारी एवं प्रबंध निदेशक सुधीर मिश्रा ने कहा, ‘‘हमें हाइपरसोनिक मिसाइल प्रणाली बनने में अभी से 7-10 साल लगेंगे।’ अभी इसकी रफ्तार ध्वनि की 2.8 गुना है। मिश्रा ने कहा कि ब्रह्मोस इंजन में सुधार के साथ कुछ ही समय में मैक 3.5 और तीन साल में मैक 5 गति हासिल कर लेगी।
• हाइपरसोनिक गति के लिए मौजूदा इंजन को बदलना होगा।मिश्रा ने कहा कि एक ऐसा मिसाइल विकसित करना उद्देश्य है जो अगली पीढ़ी के हथियार को ढोने में सक्षम हो। रूस के संस्थान भी इस काम में जुटे हुए हैं।
• इस संयुक्त उपक्रम में डीआरडीओ की 55 प्रतिशत हिस्सेदारी है।उन्होंने दावा किया कि ब्रह्मोस अपनी प्रतिस्पर्धी मिसाइलों से प्रौद्योगिकी के मामले में 5-7 साल आगे है। उन्होंने कहा , ‘‘यह अभी विश्व की सबसे तेज क्रूज मिसाइल है। अमेरिका समेत किसी भी देश के पास ऐसी मिसाइल पण्राली नहीं है।’
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