1. मिशन रक्षा ज्ञान शक्ति’*
रक्षा उत्पादन विभाग ने ‘मिशन रक्षा ज्ञान शक्ति’ नामक एक नया ढांचा स्थापित किया है जिसका उद्देश्य स्वदेशी रक्षा उद्योग में आई.पी.आर. संस्कृति को बढ़ावा प्रदान करना है।
यह बौद्धिक संपदा अधिकार (आई.पी.आर.) आवेदनों को सफलतापूर्वक भरने में मदद करेगा।
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बौद्धिक संपदा अधिकार

बौद्धिक संपदा अधिकार, वे अधिकार होते हैं जो व्‍यक्तियों को उनके दिमाग की रचनाओं पर प्रदान किए जाते हैं।
ये सामान्‍यत: निर्माता को एक निश्चित समयावधि के लिए अपनी रचना के प्रयोग का विशेष अधिकार प्रदान करता है।
बौद्धिक संपदा अधिकारों को साधारणतया दो मुख्य क्षेत्रों में विभाजित किया गया है:

1. कॉपीराइट और कॉपीराइट से संबंधित अधिकार

साहित्यिक लेखकों और कलात्मक कार्यों (पुस्तक और अन्य लेखों, संगीत रचनाओं, चित्रों, मूर्तिकला, कंप्यूटर प्रोग्रामों और फिल्मों) के कलाकारों के अधिकार उनकी मृत्‍यु के बाद न्‍यूनतम 50 वर्ष की समयावधि के लिए कॉपीराइट द्वारा संरक्षित होते हैं।
कॉपीराइट के माध्‍यम से, संबंधित (कभी-कभी इन्‍हें “पड़ोसी” के रूप में भी संदर्भित किया जाता है) अधिकारों को भी संरक्षित किया जाता है, संबंधित अधिकार, कलाकरों के अधिकार (जैसे अभिनेता, गायक और संगीतकार), फोनोग्राम के अविष्‍कारक (ध्वनि रिकॉर्डिंग) और प्रसारण संगठन के निर्माता के अधिकार हैं।
कॉपीराइट और संबंधित अधिकारों की सुरक्षा का मुख्य सामाजिक उद्देश्य रचनात्मक कार्यों को प्रोत्साहित और पुरस्कृत करना है।
2. औद्योगिक संपत्ति

इसे विशिष्ट संकेतों, विशेष रूप से ट्रेडमार्क और भौगोलिक संकेतों की सुरक्षा के रूप में वर्णित किया जा सकता है।
इस प्रकार के विशिष्ट संकेतों की सुरक्षा का उद्देश्‍य विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं के बारे में विकल्‍पों की जानकारी प्रदान करके उन्‍हें सक्षम बनाकर उचित प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित और सुनिश्चित करना और उपभोक्ताओं की रक्षा करना है।
अनंतकाल तक संरक्षण के बने रहने से यह विशिष्‍टता की निरंतरता पर प्रश्‍न चिन्‍ह लगाता है।
नवाचार, डिजाइन और प्रौद्योगिकी के निर्माणों को प्रोत्साहित करने के लिए अन्‍य प्रकार की औद्योगिक संपत्तियों का प्राथमिक रूप से संरक्षण करना चाहिए।
इस श्रेणी में आविष्कार (पेटेंट द्वारा संरक्षित), औद्योगिक डिजाइन और व्यापारिक रहस्य शामिल हैं।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 3 –आर्थिक आई.पी.आर.

स्रोत-पी.आई.बी.

*2.13वां जी-20 शिखर सम्मेलन*
13वें जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन 30 नवंबर से 1 दिसंबर, 2018 तक अर्जेंटीना के ब्‍यूनॉस एयर्स शहर मे किया जाएगा।
शिखर सम्मेलन की थीम “निष्पक्ष और सतत विकास हेतु आम राय बनाना” है।
इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य विकासशील देशों और भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक विशेष महत्व प्रदान करना है, जो आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था है।
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जी20

ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (जी 20), वित्तीय और आर्थिक मुद्दों पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग हेतु केंद्रीय मंच है।
जी 20 देशों से सकल विश्व उत्पाद के 4/5 और वैश्विक व्‍यापार का तीन-चौथाई से अधिक भाग प्राप्‍त होता है और विश्‍व की लगभग दो-तिहाई आबादी इन देशों में निवास करती है।
इसके निर्णय प्रभावशाली होते हैं और राष्ट्रीय एवं बहुराष्ट्रीय स्तरों पर सुधार लाने में मदद करते हैं।
जी20, 19 देशों और यूरोपीय संघ से मिलकर बना हैं।
ये देश अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम (यू.के.) और संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका हैं।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 2 –महत्‍वूपर्ण समिति

स्रोत-पी.आई.बी.

*3.लॉजिक्स इंडिया- 2019*
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग एवं नागरिक उड्डयन मंत्री ने नई दिल्ली में लॉजिक्स इंडिया 2019 का प्रतीक चिन्‍ह और विवरणिका लॉन्च की है।
लॉजिक्स इंडिया 2019 नई दिल्ली में आयोजित होना निर्धारित हुआ है।
रसद लागत प्रभावशीलता और भारत के वैश्विक व्यापार हेतु परिचालन क्षमता में सुधार करने के लिए भारतीय निर्यात संगठन संघ (एफ.आई.ई.ओ.) द्वारा एक प्रमुख पहल के रूप में वृहद रसद कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
लॉजिक्स इंडिया, प्रभावी अंतरराष्ट्रीय व्यापार रसद को सक्षम करेगा और कुशल एवं उत्‍पादों का लागत-प्रभावी प्रवाह प्रदान करके अन्य वाणिज्यिक क्षेत्रों की मदद करेगा।
एफ.आई.ई.ओ., बुनियादी ढांचे के विकास, गोदाम समेकन, प्रौद्योगिकी एकीकरण और आई.टी. सक्षमता और श्रमशक्ति को कुशल बनाने के क्षेत्र में निवेश के अवसरों पर भी ध्यान केंद्रित करेगा।
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विश्व बैंक रसद प्रदर्शन सूचकांक 2018 में भारत को 44वां स्थान प्राप्‍त हुआ है।
आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 के अनुसार, लगभग 160 बिलियन अमेरिकी डॉलर के भारत के रसद उद्योग के अगले दो वर्षों में बढ़कर 215 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक होने की संभावना है।
यह क्षेत्र 22 मिलियन से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है और अगले 5 वर्षों में इस क्षेत्र के 10.5 प्रतिशत की दर से प्रगति करने की उम्मीद है।
भारत में एकीकृत रसद क्षेत्र विकास की आवश्यकता-

भारत को अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, मध्य एशिया, मध्य पूर्व और आसियान के देशों के साथ अधिक मजबूत व्यापार संबंधों की आवश्यकता है।
उच्च रसद लागत, घरेलू और निर्यात बाजार दोनों क्षेत्रों में भारतीय वस्तुओं की प्रतिस्पर्धा को कम कर देती है।
रसद, एक्जिम व्यापार की रीढ़ की हड्डी है और व्यापार के अवसर और रोजगारों का निर्माण करती है। वर्तमान में 115 बिलियन अमेरिकी डॉलर के रसद क्षेत्र के वर्ष 2032 तक 360 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ने की उम्‍मीद है।
भारतीय निर्यात संगठन संघ

भारतीय निर्यात संगठन संघ, भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय और निजी व्यापार एवं उद्योग के अंतर्गत भारत में एक व्यापार संवर्धन संगठन है।
यह संगठन विदेशी बाजारों में भारतीय उद्यमियों और निर्यातकों के प्रतिनिधित्‍व और सहायता हेतु जिम्‍मेदार है।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 3 –अर्थशास्‍त्र

स्रोत-पी.आई.बी.

*4.सी.एस.आई.आर., चंडीगढ़ में एक हाइ इंड कौशल विकास केंद्र स्थापित कर रहा है।*
भारत की प्रमुख राष्ट्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला सी.एस.आई.आर.-माइक्रोबियल तकनीकि संस्थान ने सी.एस.आई.आर.-आई.एम.टी.ई.सी.एच., चंडीगढ़ में ‘हाई-इंड कौशल विकास केंद्र’ स्थापित करने हेतु एक अग्रणी जर्मन विज्ञान और प्रौद्योगिकी कंपनी, मर्क के साथ नई साझेदारी की घोषणा की है।
यह चंडीगढ़ में इस प्रकार की पहली, अकादमी-उद्योग नेतृत्‍व वाली ‘हाई इंड कौशल विकास केंद्र’ प्रयोगशाला है, जिसे जीवन विज्ञान के क्षेत्र में भारत को कुशल बनाने हेतु भारत सरकार की पहल को बढ़ाने हेतु स्थापित किया गया है।
यह जीन एडिटिंग और एकल अणु बायोमार्कर निर्धारण जैसी अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों से सुसज्जित होगी।
यह केंद्र स्वास्थ्य देखभाल अनुसंधान में तेजी लाने और भारतीय छात्रों एवं शोधकर्ताओं को नवीनतम जीवन विज्ञान प्रौद्योगिकियों में प्रशिक्षित करने और उन्हें उद्योग हेतु तैयार करने में मदद करेगा।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 3 –विज्ञान एवं तकनीकि

स्रोत- इंडियन एक्‍सप्रेस

*5.वैश्विक मजदूरी रिपोर्ट 2018*
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आई.एल.ओ.) द्वारा वैश्विक मजदूरी रिपोर्ट 2018 प्रकाशित की गई है।
वर्ष 2017 में दक्षिण एशिया में भारत में सबसे तेज़ मजदूरी वृद्धि हुई थी।
वैश्विक स्तर पर, वर्ष 2017 में मजदूरी में वृद्धि की दर वर्ष 2008 से लेकर तब तक के निम्नतम स्तर पर जा चुकी थी, लेकिन वर्ष 2008-17 की अवधि के दौरान दक्षिण एशिया में भारत में 5.5% की उच्‍चतम औसत वास्‍तविक मजदूरी वृद्धि दर थी।
रिपोर्ट के अन्‍य निष्‍कर्ष-

प्रति घंटे की मजदूरी के आधार पर भारत के लिए औसत लिंग वेतन अंतर 34.50 प्रतिशत और पाकिस्‍तान के लिए 34 प्रतिशत रहा है जो कि 73 देशों के लिए उपलब्‍ध डाटा में सबसे खराब था।
वैश्विक स्तर पर महिलाएं को पुरुषों की तुलना में लगभग 20% कम भुगतान किया जा रहा है।
उच्च आय वाले देशों में मजदूरी में लिंग अंतर सबसे कम और निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों में मजदूरी में लिंग अंतर सबसे अधिक है।
सभी क्षेत्रों में से एशिया और प्रशांत क्षेत्र के श्रमिकों ने 2006-17 की अवधि के दौरान चीन, भारत, थाईलैंड और वियतनाम जैसे देशों के साथ उच्‍चतम वास्तविक मजदूरी वृद्धि का आनंद लिया है।
वर्ष 1999 से 2017 तक की लंबी अवधि के दौरान जी 20 के उभरते हुए और विकासशील देशों में वास्तविक मजदूरी लगभग तीन गुना हो गई है, जब कि समान अवधि के दौरान उन्‍नत जी20 देशों में वास्‍तविक मजदूरी में केवल 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
वैश्विक स्तर पर, वैश्विक वित्तीय संकट से पहले 3.4% के स्तर से काफी नीचे वर्ष 2016 में मजूदरी में वास्तविक वृद्धि (अर्थात मूल्य मुद्रास्फीति के लिए समायोजित) 2.4% से घटकर पिछले वर्ष 1.8% हो गई थी।
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अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक संगठन

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन, एक संयुक्त राष्ट्र संस्‍था है जो अंतर्राष्ट्रीय श्रम मानकों को स्थापित करती है और सभी के लिए सामाजिक सुरक्षा और कार्य के अवसरों को बढ़ावा देती है।
आई.एल.ओ. में 187 सदस्य राज्य हैं: 193 संयुक्त राष्ट्र सदस्य राज्यों में से 186 सदस्‍य हैं और कुक द्वीप समूह आई.एल.ओ. का सदस्य हैं।
अंतर्राष्ट्रीय श्रम कार्यालय, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन का स्थायी सचिवालय है।
वर्ष 1969 में, संगठनों को राष्ट्रों के मध्‍य भाईचारे और शांति स्‍थापित करने, श्रमिकों के लिए सभ्य कार्य और न्याय करने और अन्य विकासशील देशों को तकनीकी सहायता प्रदान करने हेतु नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया था।
इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में है।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 3 –महत्‍वूपर्ण रिपोर्ट

स्रोत- टी.ओ.आई.

*6.अब, ओडिशा में दुर्लभ जनजातीय भाषाओं के लिए एक शब्‍दकोष उपलब्‍ध है।*
ओडिशा सरकार ने दुर्लभ जनजातीय भाषाओं के लिए 21 आदिवासी शब्दकोश और दक्षता मॉड्यूल का अनावरण किया है।
राज्य सरकार ने अपनी जनजातीय भाषा एवं संस्कृति अकादमी (ए.टी.एल.सी.) के माध्यम से जनजातीय भाषाओं को संरक्षित और संवर्धित करने हेतु बहुभाषी शिक्षा के लिए जनजातीय द्विभाषीय शब्‍दकोष और जनजातीय त्रिभाषीय दक्षता मॉड्यूल स्‍थापित किए हैं।
ओडिशा, देश का एकमात्र राज्य हैं जिसने सभी जनजातीय द्विभाषीय शब्दकोशों और त्रिभाषीय जनजातीय भाषा दक्षता मॉड्यूल तैयार किए हैं।
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अद्वितीय जनजातीय प्रोफ़ाइल

ओडिशा, भारत के जनजातीय मानचित्र पर एक अद्वितीय स्‍थान है जहां पर अधिकतम संख्‍या में अनुसूचित जनजाति समुदाय निवास करते हैं।
इस राज्य में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों सहित 62 विभिन्न जनजातीय समुदाय निवास करते हैं।
ये जनजातियां 21 भाषाएं और 74 बोलियां बोलती हैं।
21 जनजातीय भाषाओं में से सात की अपनी लिपि है।
शब्‍दकोष में संचार के माध्‍यम के रूप में उडिया का प्रयोग किया गया है।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 2 – समाज के कमजोर वर्ग हेतु कल्‍याण योजनाएं

स्रोत- द हिंदू

*7.दुधवा बाघ रिजर्व का गश्त करने हेतु एस.एस.बी.*
दुधवा बाघ रिजर्व और सशस्त्र सीमा बल ने दुधवा वनों और इसके समृद्ध वन्‍यजीवन को सुरक्षा प्रदान करने हेतु साझा समझौता किया है।*
यह सहमति हुई कि एस.एस.बी., केंद्रीय और स्थानीय खुफिया अधिकारियों, सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क अधिकारियों, विशेष बाघ संरक्षण बल और रिजर्व का फील्ड स्टाफ नियमित अंतराल पर संयुक्त लंबा मार्ग गश्ती में शामिल होगा।
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दुधवा टाइगर रिजर्व

दुधवा बाघ रिजर्व, उत्तर प्रदेश में एक संरक्षित क्षेत्र है जो मुख्य रूप से लखीमपुर खीरी और बहराइच जिलों में फैला हुआ है।
इसमें दुधवा राष्ट्रीय उद्यान, किशनपुर वन्यजीव अभयारण्य और कतरनियाघाट वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं।
यह नेपाल के साथ उत्तर-पूर्वी सीमा साझा करता है, जो काफी हद तक मोहाना नदी द्वारा परिभाषित है।
नोट: दुधवा बांध, भारत के छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में स्थित है। यह बांध, दुधवा गांव में महानदी नदी पर बनाया गया है।

टॉपिक- जी. एस. पेपर 3 –पर्यावरण

स्रोत- द हिंदू

*8.यूक्रेन ने मार्शल लॉ (फौजी कानून) की घोषणा की है।*
यूक्रेनी राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेन्को ने रूस के साथ तनाव के कारण अपने देश के कुछ हिस्सों में मार्शल लॉ घोषित किया है।
25 नवंबर को क्राइमीनन प्रायद्वीप से दूर नौसेना के संघर्ष के बाद यह निर्णय लिया गया है, इस संघर्ष में आजोव सागर पर रूसी तटरक्षक ने तीन यूक्रेनी जहाजों और उनके 23 चालक दल के सदस्यों को बंदी बना लिया था।
रूस ने दो यूक्रेनी तोपखाना नौकाओं पर बिना किसी अनुमति के कर्च जलसंधि के किनारे अपने जलनिकाय को पार करने का आरोप लगाया है, इसके बावजूद दोनो देशों ने काला सागर को साझा सीमा के रूप में पारित होने पर सहमति जताते हुए 2003 समुद्री संधि पर हस्‍ताक्षर किए हैं।
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यूक्रेन में वर्ष 1945 से लेकर अब तक पहली बार 10 रणनीतिक सीमा क्षेत्रों में मार्शल लॉ राज्य घोषित किया गया है।
यूक्रेन, पूर्वी यूरोप का एक बड़ा देश है जो इसके परंपरागत चर्चों, काला सागर तटरेखा और जंगली पहाड़ों के लिए जाना जाता है।
इसकी राजधानी कीव है।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 2 –अंतर्राष्‍ट्रीय संकट

स्रोत- द हिंदू

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