*_1.वैज्ञानिकों ने रोगों का पता लगाने में मदद करने हेतु कोशिका के आकर के रोबोट को विकसित किया है।_*
मैसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्‍थान के वैज्ञानिकों ने कोशिका के आकर के रोबोटों का बड़े पैमाने पर उत्‍पादन करने का तरीका विकसित किया है।
इस प्रकार के छोटे रोबोटों का उपयोग तेल अथवा गैस पाइपलाइन के भीतर की स्थितियों की निगरानी करने अथवा रक्त प्रवाह के माध्यम से बहने के द्वारा बीमारियों का पता लगाने में किया जा सकता है।
इस प्रकार की छोटी युक्ति बनाने के प्रमुख स्रोत को “सिनसेल्‍स” (सिंथेटिक (कृत्रिम) कोशिकाओं का संक्षिप्‍त रूप) कहते हैं, जो बड़ी मात्रा में स्‍वचालित रूप से पतली और भंगुर सामग्रियों को प्राकृतिक रूप से भंग करने की प्रक्रिया को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।
इस प्रक्रिया को “स्‍वचालित छिद्रण” कहते हैं, इसमें फ्रैक्‍चर रेखाओं को इस प्रकार निर्देशित करते हैं जिससे कि वे अनुमानित आकार और आकृति के अत्‍यंत छोटे पॉकेटों का उत्‍पादन कर सकें।
संबंधित जानकारी

इन रोबोटों के भीतर अत्‍यंत छोटे आकार के पॉकेट्स एम्‍बेडेड होते हैं, जो एक प्रकार के वैद्युत परिपथ होते हैं और डाटा को एकत्र, रिकॉर्ड और आउटपुट करने में मदद करते हैं।
यह प्रणाली कार्बन के द्विआयामी रूप का प्रयोग करती है जिसे ग्रैफीन कहते हैं, जो छोटी सिनसेल्‍स की बाहरी संरचना का निर्माण करती हैं।
उनका आकर, मानव की लाल रूधिर कोशिकाओं के आकार से लगभग 10 माइक्रोमीटर अधिक होता है।
ये छोटी वस्तुएं, जीवित जैविक कोशिकाओं की भांति व्यवहार करती हैं।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 3 – विज्ञान एवं तकनीकि

स्रोत- डी.डी. न्‍यूज

*_2.बेनामी संपत्ति हस्‍तांतरण अधिनियम, 1988 के निषेध के अंतर्गत निर्णायक प्राधिकरण और अपीलीय न्यायाधिकरण की स्थापना।_*
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बेनामी संपत्ति हस्‍तांतरण अधिनियम (पी.बी.पी.टी.), 1988 के निषेध के अंतर्गत निर्णायक प्राधिकरण की नियुक्ति और अपीलीय न्यायाधिकरण की स्थापना को मंजूरी प्रदान की है।
मुख्य विशेषताएं:

निर्णायक प्राधिकरण की नियुक्‍ति तीन अतिरिक्‍त न्‍यायपीठों के साथ की जाएगी और पी.बी.पी.टी. अधिनियम के अंतर्गत अपीलीय न्यायाधिकरण की स्‍थापना की जाएगी।
आयकर विभाग/ केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सी.बी.डी.टी.) से समान स्तर/ रैंक पर वर्तमान पदों को बदलकर निर्णायक प्राधिकरण, निर्णायक प्राधिकरण की न्‍यायपीठों और अपीलीय न्‍याययधिकरण को अधिकारी और कर्मचारी प्रदान किए जाएंगे।
निर्णायक प्राधिकरण और अपीलीय न्यायाधिकरण की स्‍थापना राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (एन.सी.टी.डी.) में की जाएगी।
निर्णायक प्राधिकरण के न्‍यायपीठों की स्‍थापना कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में की जा सकती है।
लाभ:

इसके परिणामस्वरूप निर्णायक प्राधिकरण को संदर्भित किए गए मुकदमों का प्रभावी और बेहतर प्रशासनिक कार्य होगा और अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष निर्णायक प्राधिकरण के फैसले के खिलाफ दायर की गई अपीलों का त्वरित निपटान किया जाएगा।
पी.बी.पी.टी. अधिनियम के अंतर्गत निर्णायक प्राधिकरण की नियुक्ति, प्रशासनिक कार्यवाहियों की प्रथम स्‍तरीय समीक्षा प्रदान करेगी।
प्रस्तावित अपीलीय न्यायाधिकरण की स्थापना, पी.बी.पी.टी. अधिनियम के अंतर्गत निर्णायक प्राधिकरण द्वारा दिए गए फैसलों के प्रति एक अपीलीय तंत्र प्रदान करेगी।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 2 – सरकारी नीतियां

स्रोत- इंडियन एक्‍सप्रेस

*_3.मंत्रिमंडल ने भारतीय कौशल संस्थान की स्थापना हेतु योजना को मंजूरी प्रदान की है।_*
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक निजी भागीदारी में देश भर के विभिन्न स्थानों पर भारतीय कौशल संस्थान की स्थापना को मंजूरी प्रदान की है।
इसे मांग और उपलब्ध बुनियादी ढांचों के आधार पर चयनित स्थानों पर आई.आई.एस. के संवर्धन हेतु समन्‍वेषित किया जाएगा।
लाभ

यह पूरे देश के आकांक्षी युवाओं को उच्‍च कौशल प्रशिक्षण प्राप्‍त करने के अवसर प्रदान करेगा।
इसके अतिरिक्‍त यह उद्योगों और कई क्षेत्रों में वैश्विक प्रतिस्पर्धा के साथ अपने संबंधों के माध्यम से जवाबदेही के दायरे को बढ़ाएगा।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 2 – गवर्नैंस

स्रोत- इकोनॉमिक टाइम्‍स

*_4. प्रधानमंत्री मोदी ने आई.टी. व्‍यवसायियों के लिए ‘मैं नहीं हम’ पोर्टल लॉन्च किया है।_*
प्रधानमंत्री द्वारा ‘मैं नहीं हम’ पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन लांच किया गया है जो आई.टी. व्‍यवसायियों और संगठनों को समाजिक मुद्दों के प्रति किए जा रहे उनके प्रयासों को एक साथ एक मंच पर लाने में सक्षम बनाएगा।
यह पोर्टल ‘सेल्‍फ4सोसाइटी’ की थीम पर काम करता है।
इस पोर्टल के माध्‍यम से तकनीक के लाभों की शक्ति के द्वारा समाज के कमजोर वर्ग की सेवा के प्रति अधिक सहयोग को उत्‍प्रेरित करने में मदद करने की उम्‍मीद है।
इसके अतिरिक्‍त रूचिकर लोगो की अधिक सहभागिता को उत्‍पन्‍न करने की उम्‍मीद है, उन लोगों की सहभागिता की उम्‍मीद की जाती है जो समाज के लाभों के प्रति काम करने के लिए जागरूक हैं।
टॉपिक- जी.एस. पेपर 2- गवर्नैंस

स्रोत-पी.आई.बी.

*_5.कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न: सरकार ने ढांचे को सुधारने के लिए जी.ओ.एम. का गठन किया है।_*
सरकार ने कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मामलों से निपटने के लिए वर्तमान के कानूनों और संस्थागत ढांचे की जांच करने हेतु मंत्रियों के समूह (जी.ओ.एम.) का गठन किया है।
जी.ओ.एम. को “मौजूदा प्रावधानों के प्रभावी क्रियान्‍वन के साथ मौजूदा ढांचे के सशक्‍तीकरण” को सुनिश्चित करने हेतु अपनी सिफारिशें पेश करने के लिए तीन महीने का सामयिक ढांचा प्रदान किया गया है।
मंत्रियों के समूह की अध्‍यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह द्वारा की जाएगी। इसके सदस्य हैं:
श्री नितिन गडकरी, मंत्री, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय
निर्मला सीतारमण, मंत्री, रक्षा मंत्रालय
मेनका संजय गांधी, मंत्री, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
संबंधित जानकारी

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने भी इलेक्ट्रॉनिक शिकायतें (एस.एच.ई.-बॉक्स) लॉन्च किया है जो महिलाओं को उनकी कार्यस्थिति के निरपेक्ष कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के खिलाफ अपनी आवाज उठाने में सक्षम बनाता है।
कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न को रोकने और उनकी सुरक्षा करने एवं यौन उत्पीड़न की शिकायतों के प्रभावी निवारण को सुनिश्चित करने हेतु एक महत्वपूर्ण कानून है।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 2 –महिला सशक्तिकरण

स्रोत-पी.आई.बी.

*_6.कित्‍तूर उत्सव_*
कित्‍तूर उत्‍सव, कर्नाटक में कन्‍नड़ एवं संस्‍कृति विभाग द्वारा आयोजित किया जाने वाला एक वार्षिक महोत्सव है।
इस उत्‍सव को कित्‍तूर के ऐतिहासिक शहर में मनाया जाता है, इस उत्‍सव को सन् 1824 में अंग्रेजों के खिलाफ लड़े गए युद्ध में रानी चेन्‍नामा के द्वारा बहादुरीपूर्वक युद्ध करने के जश्‍न के रूप में मनाया जाता है।
संबंधित जानकारी

कित्‍तूर, दक्षिण भारतीय राज्‍य कर्नाटक के बेलगाम जिले का एक तालुका है।
कित्‍तूर चेन्‍नामा (1778-1829) के सशस्त्र विद्रोह के कारण ऐतिहासिक महत्व का स्थान है।
इस युद्ध में कित्‍तूर राज्‍य के राजा, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ लड़े थे, युद्ध के दौरान ब्रिटिश कमिश्‍नर सेंट जॉन थैकरे मारा गया था।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 1 – कला एवं संस्‍कृतिक

स्रोत- द हिंदू

*_7.सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने वर्ष 2020 के बाद बी.एस.- ।V वाहनों की बिक्री और पंजीकरण को प्रतिबंधित किया है।_*
सर्वेच्‍च न्‍यायालय ने फैसला सुनाया है कि स्‍वच्‍छक ईधन हेतु बी.एस.- VI नियमों के लागू होने के बाद 31 मार्च, 2020 के बाद से बी.एस.- ।V वाहन नहीं बेंचे जाएंगे।
संबंधित जानकारी

भारत स्‍टेज उत्सर्जन मानक

भारत स्टेज उत्सर्जन मानक (बी.एस.ई.एस.), भारत सरकार का उत्‍सर्जन मानक संस्‍थान है जो मोटर वाहनों सहित आंतरिक दहन इंजन और स्पार्क-इग्निशन इंजन उपकरणों से वायु प्रदूषकों के उत्पादन को विनियमित करता है।
कार्यान्वयन के लिए मानकों और समयसीमा का निर्धारण पर्यावरण, वानि‍की और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा किया जाता है।
यूरोपीय नियमों पर आधारित मानकों को पहली बार वर्ष 2000 में पेश किया गया था।
भारत स्‍टेज ।V के नियमों को पूरे देश में अप्रैल, 2017 से लागू किया गया है।
वर्ष 2016 में भारत सरकार ने घोषित किया था कि देश बी.एस.-V मानदंडों को पूरी तरह से छोड़ देगा और वर्ष 2020 तक बी.एस. – VI मानदंडों को अपनाएगा।
ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में प्रतिशत के पदों में गैसों का घटता हुआ क्रम-

CO2> CH4> N2O
ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में प्रतिशत के पदों में देशों का घटता हुआ क्रम-

चीन> अमेरिका> यूरोप> भारत> रूस
बी.एस. VI मानदंडों में क्या नया है?

बी.एस.- VI ईंधन में पेट्रोल और डीजल दोनों में सल्फर की अधिकतम मात्रा को 10 पार्ट्स प्रति मिलियन (पी.पी.एम.) तक सीमित कर दिया गया है, जो यूरोपीय देशों के समान है।
बी.एस.- VI ईंधन, वर्तमान में प्रयोग किए जा रहे बी.एस.-4 ईंधन में सल्‍फर के स्‍तर को पांच गुना तक कम कर देगा- इससे सल्‍फर के उत्‍सर्जन में 80 प्रतिशत की भारी कमी होगी और जिससे ईंधन बहुत साफ हो जाएगा।
यह नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOX) के उत्सर्जन को भी कम करेगा।
टॉपिक- जी. एस. पेपर 3 – पर्यावरण

स्रोत- इंडियन एक्‍सप्रेस

*_8.भारत, ईरान, अफगानिस्तान ने चाबहार बंदरगाह परियोजना पर पहली त्रिपक्षीय बैठक आयोजित की हैं।_*
भारत, अफगानिस्तान और ईरान ने चाबहार बंदरगाह परियोजना पर अपनी पहली त्रिपक्षीय बैठक आयोजित की है, इन देशों ने इस बैठक के दौरान परियोजना के कार्यान्‍वन की समीक्षा भी की।
मई, 2016 में भारत, ईरान और अफगानिस्तान ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, इस समझौते के अनुसार चाबहार बंदरगाह का एक धार्मिक केंद्र के रूप में प्रयोग करते हुए इन देशों के मध्‍य एक पारगमन और परिवहन गलियारे की स्थापना की जाएगी।
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चाबहार बंदरगाह

चाबहार बंदरगाह, ओमान की खाड़ी पर दक्षिण-पूर्व ईरान में स्थित एक बंदरगाह है।
यह ईरान के एक मात्र समुद्री बंदरगाह के रूप में कार्य करता है और यह बंदरगाह, शाहिद कालांतरी और शाहिद बेहेश्‍ती नाम के दो अलग-अलग बंदरगाहों से मिलकर बना हैं।
बिना पाकिस्‍तान मार्ग होते हुए भारत के पश्चिमी तट से इस बंदरगाह पर आसानी से पहॅुंचा जा सकता है।
ग्वादर बंदरगाह

यह अरब सागर पर पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में ग्वादर में स्थित गर्म पानी का गहरा बंदरगाह है।
इस बंदरगाह की प्रमुख विशेषता चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सी.पी.ई.सी.) योजना है और इसे महत्वाकांक्षी एक बेल्‍ट, एक सड़क और समुद्री रेशम सड़क परियोजनाओं के मध्‍य महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में माना जाता है।
भारत के द्वारा अन्य परियोजनाएं

एसम्‍पशन द्वीप- सेशेल्स में
अगालेगा द्वीप- मॉरीशस में
ओमान में डुकम बंदरगाह
टॉपिक- जी. एस. पेपर 2 – अंतर्राष्‍ट्रीय संबंध

स्रोत- द हिंदू

*_9.वैश्विक कृषि नेतृत्व शिखर सम्मेलन 2018_*
नई दिल्ली में वैश्विक कृषि नेतृत्व शिखर सम्मेलन 2018 का आयोजन किया गया है।
शिखर सम्मेलन की थीम, बाजार से किसानों को जोड़ना है।
संबंधित जानकारी

वैश्विक कृषि नेतृत्व शिखर सम्मेलन, भारतीय खाद्य एवं कृषि परिषद द्वारा आयोजित किया जाने वाला एक वार्षिक कार्यक्रम है।
यह कृषि क्षेत्र, व्यापार, प्रौद्योगिकी, निवेश में व्यापक परिदृश्यों और रुझानों पर चर्चा करने हेतु एक मंच प्रदान करेगा।
शिखर सम्मेलन का उद्देश्‍य कृषि और कृषि व्यवसाय में व्यापक मुद्दों पर चर्चा करना, किसानों को सशक्त बनाने और भारत की कृषि की क्षमताओं को बढ़ाने के उपायों पर चर्चा करना है।
टॉपिक- जी.एस. पेपर 3 – कृषि

स्रोत- ए.आई.आर.

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