1.तीन तलाक बिल फिर लटका : सहमति नहीं बन पाने के कारण राज्यसभा में नहीं हो सका पेश
• तीन तलाक से संबंधित विधेयक पर राज्यसभा में सरकार और विपक्ष के बीच सहमति न बन पाने के कारण यह शीतकालीन सत्र तक के लिए टल गया। सरकार इस विधेयक को संसद के मानसून सत्र के आज अंतिम दिन पारित कराना चाहती थी और इसके लिए उसने विधेयक में कुछ संशोधन भी किये थे लेकिन वह इस पर सहमति बनाने में विफल रही।
• विधेयक राज्यसभा की आज की कार्य सूची में शामिल भी था लेकिन सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन में गैरसरकारी कामकाज के दौरान सदस्यों को सूचित किया कि सहमति नहीं बन पाने के कारण विधेयक को आज र्चचा के लिए पेश नहीं किया जाएगा।
• मुस्लिम समुदाय की विवाहित महिलाओं के अधिकारों के संरक्षण के लिए मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2017 को लोकसभा ने पारित कर दिया था और इसे गत जनवरी में राज्यसभा में पेश किया गया था लेकिन विपक्ष की आपत्तियों को देखते हुये सरकार ने इसे र्चचा और पारित कराने के लिए आगे नहीं बढ़ाया था।
• राज्यसभा में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का बहुमत नहीं है, इसलिए विधेयक पारित कराने के लिए विपक्ष का समर्थन जरूरी है। विपक्ष की आपत्तियों को देखते हुये मंत्रिमंडल ने इस विधेयक में कल तीन संशोधनों को मंजूरी दी थी और सरकार चाहती थी कि इसे आज राज्यसभा में र्चचा और पारित कराने के लिए रखा जाये।
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस विधेयक में तीन संशोधनों को मंजूरी दी गयी थी। पहले संशोधन के तहत यह प्रावधान किया गया है कि तीन तलाक के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने का अधिकार स्वयं पीड़ित पत्नी, उससे खून का रिश्ता रखने वाले और शादी के बाद बने रिश्तेदारों को ही होगा।
• दूसरे संशोधन के तहत विधेयक में समझौते का प्रावधान किया गया है। मजिस्ट्रेट उचित शतरें पर पति-पत्नी के बीच समझौता करा सकता है।एक और संशोधन जमानत के संबंध में किया गया है।
• इसमें मजिस्ट्रेट को यह अधिकार दिया गया है कि वह पीड़िता का पक्ष सुनने के बाद आरोपी पति की जमानत मंजूर कर सकते हैं। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने विधेयक का लोकसभा में समर्थन किया था लेकिन राज्यसभा में वह इसमें कुछ बदलाव करना चाहती थी।

2. जैव ईधन : एथेनाल से होगी 12,000 करोड़ की बचत
• प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चार साल में एथेनाल का उत्पादन तीन गुना करने का लक्ष्य तय किया है। पेट्रोल में एथेनाल मिशण्रसे किसानों की आमदनी बढ़ाई जा सकेगी और सरकार के तेल आयात बिल में भी 12,000 करोड़ रपए की कमी लाई जा सकेगी।
• मोदी ने शुक्रवार को यहां विश्व जैव ईंधन दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश में 10,000 करोड़ रपए का निवेश कर जैव ईधन की 12 रिफाइनरी स्थापित करने की योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि सरकार 2022 तक पेट्रोल में 10 फीसद एथेनाल मिशण्रका लक्ष्य हासिल करेगी और इसे बढटाकर 2030 तक 20 फीसद करने का लक्ष्य है।मोदी ने कहा कि इसमें से प्रत्येक रिफाइनरी 1,000-1,500 लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित करेगी।
• प्रधानमंत्री ने कहा कि जैव ईंधन से कच्चे तेल के लिए आयात पर निर्भरता को कम किया जा सकता है। गन्ने और फसल अवशेष से ईंधन का उत्पादन न केवल किसानों को अतिरिक्त आमदनी उपलब्ध कराता है बल्कि पराली के सुरक्षित तरीके से निपटान से पर्यावरण को भी बेहतर करने में मदद मिलती है। दुनिया की तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल उपभोक्ता भारत अपनी जरूरत का 81 फीसद आयात करता है।
• कुछ ईंधन को जैव ईंधन से बदलने से भारत की आयात पर निर्भरता को कम किया जा सकेगा। गन्ने से चीनी बनाने की प्रक्रिया में एथेनाल उप उत्पाद के रूप में निकलता है। भारत में पेट्रोल में एथेनाल मिशण्रएनडीए के पहले कार्यकाल में 2002 में शुरू हुआ था। लेकिन कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार के कार्यकाल में यह कार्यक्रम लगभग बंद हो गया था।
• प्रधानमंत्री ने कहा कि अब इस जैव ईंधन का उत्पादन बढ़ाया जा रहा है और यह चार साल में तीन गुना बढ़ कर 450 करोड़ लीटर के स्तर पर पहुंच जाएगा। मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार के प्रयासों की वजह से पेट्रोल में एथेनाल मिशण्रआपूत्तर्ि वर्ष 2013-14 में 38 करोड़ लीटर था, जो 2017-18 में 141 करोड़ लीटर पर पहुंच गया है। इसे तेल आयात बिल पर 4,000 करोड़ रपए की बचत हुई है।
• मोदी ने कहा कि जो जैव रिफाइनरियां स्थापित की जा रही हैं उससे पूरी मूल्य श्रृंखला में डेढ़ लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर परियोजनाओं को पर्यावरण विभाग की मंजूरी के काम में तेजी लाने के लिए तैयार किए गए वेब पोर्टल ‘‘परिवेश’ का उद्घाटन किया। मोदी ने इस अवसर पर राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति का अनावरण भी किया।

3. राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई के विरोध में केंद्र
• केंद्र सरकार पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा करने के लिए राजी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल कर उसने तमिलनाडु सरकार के इस आशय के आग्रह का विरोध किया है। उसने कहा है कि राजीव गांधी हत्याकांड के सातों दोषियों की सजा माफी से एक खतरनाक मिसाल कायम होगी। केंद्र ने शीर्ष कोर्ट को बताया कि ऐसे किसी कदम का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक प्रतिकूल असर भी होगा।
• तमिलनाडु सरकार ने राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा करने का शीर्ष न्यायालय से आग्रह किया था। इस पर अदालत ने केंद्र सरकार से अपनी सहमति देने के लिए कहा था।1जस्टिस रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने गृह मंत्रलय की ओर से दाखिल जवाब को रिकार्ड में दर्ज कर लिया और मामले की सुनवाई स्थगित कर दी।
• ध्यान रहे राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई के तमिलनाडु सरकार के 2 मार्च, 2016 के पत्र पर सुप्रीम कोर्ट ने गत 23 जनवरी को केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वह इस पर अपनी सहमति देने के बारे में तीन महीने के अंदर फैसला लेकर अदालत को सूचित करे। तमिलनाडु सरकार ने अपने पत्र में कहा था कि राज्य सरकार ने राजीव हत्याकांड के सभी सातों दोषियों को रिहा करने का पहले ही निर्णय ले लिया है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के 2015 के एक आदेश के अनुसार इस बारे में केंद्र की सहमति लेना आवश्यक है।
• इस पर सुप्रीम कोर्ट में गृह मंत्रलय के संयुक्त सचिव वीबी दुबे ने जवाब दाखिल किया। इसमें कहा गया है, ‘दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 435 का अनुपालन करते हुए केंद्र सरकार इन सातों दोषियों की सजा माफ करने के तमिलनाडु सरकार के प्रस्ताव से सहमत नहीं है।’
• जवाब में आगे बताया गया, ‘जिन लोगों ने 15 अन्य के साथ सांठगांठ कर इस देश के पूर्व प्रधानमंत्री की भयानक तरीके से हत्या की, ऐसे चार विदेशी और उनके तीन भारतीय सहयोगियों को माफी देकर रिहा करने से एक खतरनाक मिसाल कायम होगी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसका व्यापक प्रतिकूल असर पड़ेगा।’
• पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की एक मानव बम धमाके में 21 मई, 1991 की रात को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदुर में हत्या कर दी गई। इस मामले में सातों दोषी संथन, मुरुगन, पेरारीवलन, नलिनी, रॉबर्ट पायस, रविचंद्रन और जयकुमार पिछले 25 वर्षो से जेल में बंद हैं।
• इन दोषियों की रिहाई को लेकर तमिलनाडु सरकार फरवरी 2014 से ही सक्रिय है। इन सभी दोषियों को पहले मौत की सजा मिली थी, लेकिन बाद में यह उम्र कैद में तब्दील हो गई।

4. स्टेट बैंक को Rs4876 करोड़ रूपये का घाटा
• सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक को चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही में डूबे ऋण के भारी दबाव के कारण 4,876 करोड़ रपए का भारी-भरकम घाटा हुआ है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में एसबीआई को 2,006 करोड़ रूपये का शुद्ध लाभ हुआ था।
• एसबीआई ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि आलोच्य तिमाही के दौरान उसकी कुल आय 62,911.08 करोड़ रूपये से बढ़कर 65,492.67 करोड़ रूपये पर पहुंच गई। इस दौरान बैंक की सकल गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) 9.97 फीसद से बढकर 10.69 फीसद और शुद्ध एनपीए मामूली कम होकर 5.97 फीसद की तुलना में 5.29 फीसद पर आ गया।
• बैंक ने बयान में कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ऋण का कुल प्रावधान 8,929.48 करोड़ रूपये से दोगुना होकर 19,228 करोड़ रूपये के स्तर पर पहुंच गया।

5. ’तिब्बती चीन का हिस्सा बनने को तैयार : दलाई लामा
• तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने शुक्रवार को कहा कि अगर तिब्बतियों की संस्कृति को सुरक्षित रखने की पूरी गारंटी दी जाती है तो तिब्बती चीन का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं। आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने यहां आयोजित ‘‘धन्यवाद कर्नाटक’ कार्यक्रम में कहा, ‘‘तिब्बती अपनी स्वतंत्रता नहीं मांग रहे हैं। हम चीनी जनवादी गणराज्य के साथ बने रहने के लिए तैयार हैं, लेकिन हमें अपनी संस्कृति को सुरक्षित रखने लिए पूरा अधिकार दिया जाए।
• ’इस कार्यक्रम का आयोजन केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) ने किया। यह कार्यक्रम ‘‘धन्यवाद भारत-2018’ का एक हिस्सा है, जिसका आयोजन भारत में रह रहे तिब्बती समुदाय ने देश में अपने 60 वर्षो के निर्वासन को चिन्हित करने के लिए किया है। नोबेल पुरस्कार विजेता ने कहा, ‘‘बौद्ध धर्म का पालन करने वाले कई चीनी नागरिक तिब्बती बौद्ध धर्म को लेकर उत्सुक है, क्योंकि इसे वैज्ञानिक पद्धति माना जाता है।
• ’पूर्वोत्तर तिब्बत के तक्तसेर गांव में पैदा हुए दलाई लामा को दो साल की उम्र में ही धर्मगुरु की मान्यता दी गई। माना गया कि उनका 13वें दलाई लामा थुबतेन ग्यातो के रूप में पुनर्जन्म हुआ है। वह वर्ष 1959 में चीनी शासन के खिलाफ असफल विद्रोह के बाद भारत चले आए।
• चीन ने वर्ष 1950 में तिब्बत पर कब्जा कर लिया और हजारों तिब्बतियों को अपना पहाड़ी देश छोड़कर भारत के हिमाचल प्रदेश में शरणार्थी के रूप में बसने को मजबूर होना पड़ा।

6. वैश्विक मंच पर बढ़ी भारतीय अर्थव्यवस्था की साख
• यूपीए के शासन में विकास के अलग-अलग सूचकांकों में निचले पायदान पर रहने वाले भारत ने बीते चार साल में लंबी छलांग लगायी है। विश्व बैंक के ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स’ से लेकर ‘वल्र्ड इकोनॉमिक फोरम’ के प्रतिस्पर्धा सूचकांक सहित करीब दर्जन भर मानकों पर भारत के प्रदर्शन में सुधार आया है। यही वजह है कि वैश्विक मंच पर भारतीय अर्थव्यवस्था की साख बढ़ी है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष सहित कई प्रतिष्ठित संस्थानों ने समय-समय पर सरकार के कार्यक्रमों की सराहना भी की है।
• सरकार के सूत्रों का कहना है कि 2014 से 2018 के दौरान लगभग एक दर्जन वैश्विक सूचकांकों पर भारत की स्थिति में सुधार आया है। मसलन, विश्व बैंक की ‘ईज ऑफ डूइंग इंडेक्स’ पर भारत की रैंकिंग पहले 142 पर थी जो अब 42 पायदान सुधरकर 100 हो गयी है। इसका मतलब यह है कि देश में कारोबार शुरू करने की प्रक्रिया पहले से सरल हो गयी है।
• यह कारोबारी गतिविधियों में सरलता को दर्शाने वाला सबसे प्रतिष्ठित सूचकांक है। इस रैंकिंग में सुधार आना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनियाभर में निवेशक अपने निवेश संबंधी फैसले लेने से पहले इस इंडेक्स पर भी गौर करते हैं। कारोबार से जुड़ा एक महत्वपूर्ण सूचकांक है बिजली की उपलब्धता के संबंध में है। इस पर भी भारत 70 पायदान के उछाल के साथ 99वें स्थान से उठकर 29वें स्थान पर पहुंच गया।
• इसी तरह वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) के वैश्विक प्रतिस्पर्धा सूचकांक में भारत 32 पायदान चढ़कर 71 से 39 पर पहुंच गया है। कार्नेल विश्वविद्यालय इनोवेशन इंडेक्स जारी करता है जिस पर भारत 16 पायदान चढ़कर 76 से 60वें स्थान पर आ गया है। ऐसे ही इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पीस के ग्लोबल पीस इंडेक्स में भी भारत की स्थिति में सुधार आया है।
• इन सभी सूचकांकों में 2014 या उससे पहले भारत की स्थिति काफी खराब थी। एनडीए सरकार ने गत चार वर्षो में पारदर्शिता और सुशासन सुनिश्चित करने के लिए जो कदम उठाए हैं, उसी का नतीजा है कि अलग-अलग अंतरराष्ट्रीय मापदंडों पर भारत का प्रदर्शन बेहतर हुआ है।
• विकास के अलग-अलग सूचकांकों पर भारत की स्थिति में सुधार आने के साथ-साथ रेटिंग एजेंसियों ने भी भारत की रेटिंग बढ़ायी है। उदाहरण के लिए प्रतिष्ठित रेटिंग एजेंसी मूडीज ने 13 साल बाद भारत की बीबीए3 रेटिंग को सुधार कर बीबीए2 किया है।
• इतना ही नहीं प्रतिष्ठित वैश्विक एजेंसियों ने सरकार के कार्यक्रमों की प्रशंसा भी की है। विश्व बैंक ने जहां ‘आधार’ और जलवायु परिवर्तन पर एक्शन प्लान की तारीफ की, वहीं इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी ने भारत की एलईडी उजाला योजना की तारीफ की।

7. दिवालिया कानून में संशोधन को मंजूरी
• इंसॉल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी कोड (आइबीसी) 2016 में संशोधन के एक विधेयक को संसद से मंजूरी मिल गई। लोकसभा से 31 जुलाई को स्वीकृति मिलने के बाद शुक्रवार को राज्यसभा से भी ध्वनि मत से हरी झंडी दे दी गई। इस संशोधन से मकान खरीदारों को वित्तीय लेनदेन बनाने और छोटे उद्योगों के दिवालिया मामलों के लिए अलग तंत्र बनाने का रास्ता साफ हो गया।
• हालांकि सरकार ने इन संशोधनों को तत्काल लागू करने के लिए छह जून को अध्यादेश जारी किया था।
• शुक्रवार को पारित विधेयक इस अध्यादेश का स्थान लेगा। कार्यकारी वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने विधेयक पर चर्चा के दौरान जवाब देते हुए कहा कि संशोधन के बाद छोटी दिवालिया हुई कंपनियों का भी समाधान हो सकेगा। उसी समय बड़े दिवालिया कारोबारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकेगी।
• उन्होंने कहा कि विधेयक का उद्देश्य दिवालिया मामलों का समाधान निकालना है, कंपनियों को समाप्त करना नहीं।1गोयल ने कहा कि हम दिवालिया मामलों का तेजी से निपटारा चाहते हैं। कंपनियों को समाप्त नहीं करना चाहते हैं। दिवालिया प्रक्रिया से देश को फायदा मिलेगा और इसमें फंसी हजारों करोड़ की परिसंपत्तियों का उपयोग हो सकेगा।
• कानून में जरूरी बदलाव के लिए सरकार ने नवंबर 2017 में इंसॉल्वेंसी लॉ कमेटी बनायी। उसने 26 मई को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। उसकी सभी सिफारिशों को स्वीकार करके विधेयक में शामिल गया गया। उन्होंने बताया कि रिजॉल्यूशन प्लान को मंजूरी के लिए वित्तीय लेनदारों के न्यूनतम 66 फीसद वोटिंग शेयरों की मंजूरी चाहिए। वैसे सामान्य फैसले किसी भी कंपनी में 51 फीसद फीसद वोटिंग से होते हैं।1वाणिज्यिक विवादों के जल्द निपटारे के लिए विधेयक पास
• वाणिज्यिक विवादों के जल्दी निस्तारण और कॉमर्शियल कोर्ट में मामले ले जाने के लिए विवादित रकम को एक करोड़ से घटाकर तीन लाख रुपये करने के लिए कानून में संशोधनों को संसद से मंजूरी दे दी गई।
• लोकसभा से यह विधेयक 31 जुलाई को पारित हुआ था। शुक्रवार को राज्यसभा ने भी मंजूरी दे दी। कॉमर्शियल कोर्ट्स, कॉमर्शियल डिवीजन एंड कॉमर्शियल अपीलेट डिवीजन ऑफ हाईकोर्ट (अमेंडमेंट) बिल 2018 पर चर्चा के दौरान जवाब देते हुए विधि मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि छोटे कारोबारों के विवाद उसी तरह दूर होने चाहिए जैसे बड़ी कंपनियों के होते हैं।
• अदालतों में बुनियादी सुविधाएं सुधारने की विपक्ष की मांग पर उन्होंने कहा कि एक केंद्रीय योजना के तहत अदालतों में बुनियादी विकास के लिए राज्यों को 6302 करोड़ रुपये का 42 फीसद हिस्सा केंद्र ने जारी किया है।

8. मॉरीशस में 18 अगस्त से होगा विश्व हिंदी सम्मेलन
• 11वें विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन 18-20 अगस्त, 2018 को मॉरीशस में होने जा रहा है। सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए हर राज्य के कम से कम दो प्रतिनिधियों के साथ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज 17 अगस्त, 2018 को मॉरीशस पहुंचेंगी।
• सम्मेलन के बारे में जानकारी देने के लिए आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में सुषमा स्वराज ने बताया कि इस बार का आयोजन इस लिहाज से अलग होगा कि पहली बार हम यह रिपोर्ट देंगे कि वर्ष 2015 में हुए 10वें सम्मेलन के सुझावों का कितना अनुपालन हुआ है। विश्व हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन मॉरीशस के प्रधानमंत्री परविंद जगन्नाथ करेंगे।
• इस आयोजन के साथ ही भारत के अलावा मॉरीशस दुनिया का पहला देश बन जाएगा जहां विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन तीसरी बार होगा।
• सुषमा स्वराज ने बताया कि इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए उन्होंने सभी 28 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों के सरकारों को पत्र लिखा था कि वह अपने प्रतिनिधियों की नियुक्ति करें।
• सभी राज्यों की तरफ से दो-दो लोगों की नियुक्ति की गई है। इस तरह इस सम्मेलन में हर राज्य को प्रतिनिधित्व मिलेगा। इसके अलावा भारत सरकार के आमंत्रण पर हिंदी के जानकार 47 विदेशी नागरिक भी इसमें हिस्सा लेने आ रहे हैं।

9. दो साल में 14 प्रतिशत बढ़ गए बच्चों के खिलाफ अपराध
• उत्तर प्रदेश, बिहार समेत देश के कुछ अन्य राज्यों में आश्रय गृहों (शेल्टर होम) में यौन शोषण के चौंकाने वाले मामलों ने सभी का ध्यान खींचा है। जांच-पड़ताल और आरोप-प्रत्यारोप के दौर के बीच यह तथ्य सामने आ रहा है कि बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों की संख्या बढ़ती जा रही है।
• नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों की मानें तो 2014 से 2016 के बीच बच्चों के खिलाफ अपराध की घटनाएं 14 प्रतिशत बढ़ीं। ब्यूरो ने 2016 तक के आंकड़ों का ही संकलन किया है। इसके मुताबिक 2016 में ऐसे अपराधों की संख्या 106958 तक पहुंच गई। यह संख्या 2014 में 89423 थी।
• केंद्र सरकार ने इसी सप्ताह संसद में रखे गए आंकड़ों के जरिये यह जानकारी दी है। 1सरकार ने बच्चों के खिलाफ अपराध की घटनाएं रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म करने वालों को मौत की सजा देने का प्रावधान भी शामिल है।
• संसद में रखे गए आंकड़ों के मुताबिक बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों में अलग-अलग राज्यों की तस्वीर अलग-अलग है। असम में इस तरह के मामले तीन गुने हो गए हैं। तेलंगाना और बिहार में भी ऐसे मामलों की संख्या बढ़ी है।
• आंध्र प्रदेश और दिल्ली में 2014 के मुकाबले 2016 में इस तरह के मामलों की संख्या घटी है।

10. नासा के पार्कर सोलर प्रोब की उलटी गिनती शुरू
• पहली बार सूर्य को अत्यंत करीब से जानने की कोशिश के तहत नासा ने अपने अंतरिक्ष यान पार्कर सोलर प्रोब के प्रक्षेपण की सारी तैयारी कर ली है। शनिवार तड़के फ्लोरिडा के केप केनेवरल स्थित प्रक्षेपण स्थल से डेल्टा-4 रॉकेट इसे लेकर अंतरिक्ष रवाना होगा। इससे पहले शुक्रवार को इसकी उलटी गिनती शुरू हो गई। नासा के मुताबिक, प्रक्षेपण के समय मौसम 70 फीसद अनुकूल रहने का अनुमान है।
• कार के आकार का यह अंतरिक्ष यान सूर्य के इतने करीब से गुजरेगा, जहां से आज तक कोई अंतरिक्ष यान नहीं गुजर पाया है। इसके प्रक्षेपण का मुख्य मकसद कोरोना के रहस्य से पर्दा उठाना है। कोरोना प्लाज्मा से बना होता है और यह वायुमंडल की तरह सूर्य और तारों को चारों ओर से घेरे रहता है।
• अस्वाभाविक रूप से इसका तापमान सूर्य के सतह से 300 गुना ज्यादा होता है। इससे शक्तिशाली प्लाज्मा और तीव्र ऊर्जा वाले कणों का उत्सर्जन भी होता है, जो धरती पर स्थित पावर ग्रिड में गड़बड़ी ला सकता है।1मिशिगन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और इस परियोजना से जुड़े वैज्ञानिक जस्टिन कैस्पर ने कहा कि इससे हम यह बात बेहतर जान सकेंगे कि धरती को कब सौर वायु से परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
• इसे सूर्य के ताप और विकिरण से बचाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। इस पर अत्यंत शक्तिशाली 11.43 सेंटीमीटर मोटा ताप कवच लगाया गया है, जो इसकी हिफाजत करता रहेगा। यह कवच धरती पर सूर्य के विकिरण से 500 गुना अधिक विकिरण को सहन कर सकता है। जिन स्थानों पर तापमान बहुत अधिक पहुंच जाता है वहां 1371 डिग्री सेल्सियस पर इस ताप कवच के गर्म होने का अनुमान है।
• शोधकर्ताओं का कहना है कि यदि सबकुछ सही रहा तो अंतरिक्षयान के अंदर 29 डिग्री तापमान बना रहेगा।
• सात साल में 24 चक्कर का लक्ष्य : पार्कर सोलर प्रोब का लक्ष्य अपने सात साल के मिशन में कोरोना के 24 चक्कर लगाने का है। इस यान में लगे उपकरण कोरोना के विस्तार और सौर वायु का अध्ययन करेंगे, जिसे 1958 में भौतिकशास्त्री यूजन पार्कर ने परिभाषित किया था।
• 91 वर्ष के हो चुके यूजन पार्कर पुराने समय को याद करते हुए कहते हैं कि पहली बार में कुछ लोगों ने उनकी थ्योरी पर यकीन नहीं किया लेकिन 1962 में नासा के मैरिनर 2 यान की लांचिंग के बाद उनकी बात सही साबित हुई। यह पहला रोबोट अंतरिक्षयान जिसने ग्रहों की परिक्रमा की थी।

Sorce of the News (With Regards):- compile by Dr Sanjan,Dainik Jagran(Rashtriya Sanskaran),Dainik Bhaskar(Rashtriya Sanskaran), Rashtriya Sahara(Rashtriya Sanskaran) Hindustan dainik(Delhi), Nai Duniya, Hindustan Times, The Hindu, BBC Portal, The Economic Times(Hindi& English)

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