#_सब्सिडी_किसे_कहते_हैं_तथा_कितने_प्रकार_की_होती_है..!

#_सब्सिडी_से_तात्पर्य (Definition of Subsidy):

सब्सिडी एक प्रकार की वित्तीय मदद है जो कि सरकार द्वारा किसानों, उद्योगों, उपभोक्ताओं (मुख्यतः गरीबों) को उपलब्ध करायी जाती है जिसके कारण वांछित लोगों के लिए जरूरी चीजों के दाम नीचे आ जाते हैं. इस लेख में हम यह बता रहे हैं कि सब्सिडी कितने प्रकार की होती है और भारत सरकार द्वारा हर साल कितने करोड़ रुपये इस सब्सिडी पर खर्च किये जाते है

🔴🔊#_सब्सिडी_के_प्रकार (Types of Subsidy):

🔊.#_फ़ूड_सब्सिडी (Food Subsidy): इस प्रकार की सब्सिडी में सरकार गरीबों के लिए सस्ते दामों पर खाद्यान्न (चावल, गेहूं, चीनी) इत्यादि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के माध्यम से उपलब्ध कराती है।

🔊.#_किसानों_के_लिए_सब्सिडी (Farmer Subsidy): इस प्रकार की सब्सिडी में उर्वरक सब्सिडी, कैश सब्सिडी, ब्याज माफ़ी, वाहन और अन्य उपकरण खरीदने के लिए सब्सिडी आदि शामिल किये जाते हैं l

🔊.#_तेल/#_ईंधन_सब्सिडी (Petroleum Subsidy): इस सब्सिडी में गरीबी रेखा के नीचे जीवन जीने वाले लोगों को सरकार सस्ते दामों पर मिट्टी का तेल उपलब्ध कराती हैl इसके अलावा रसोई गैस, डीजल और पेट्रोल के दामों में भी सब्सिडी सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जाती है l

🔊.#_कर_सब्सिडी (Tax Subsidy): यह सब्सिडी मुख्य रूप से बड़े-बड़े उद्योग घरानों को प्रदान की जाती है ताकि ये लोग अधिक लागत की हालत में उत्पादन करना बंद ना करें और देश में बेरोजगारी न फैलेl कई बार सरकार आयात और निर्यात पर लगने वाले कर में सब्सिडी भी उद्योग घरानों को उपलब्ध कराती है l

🔊.#_धार्मिक_सब्सिडी (Religious Subsidy): यह सब्सिडी मुस्लिम समुदाय के लोगों को हज यात्रा करने के लिए और हिन्दुओं को अमरनाथ यात्रा करने के लिए सरकार द्वारा दी जाती है l अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने हिन्दू लोगों को अमरनाथ यात्रा करने के लिए 1 लाख रुपये तक की आर्थिक सब्सिडी देने की घोषणा की है l

🔊.#_ब्याज_सब्सिडी: इस सब्सिडी के अंतर्गत शिक्षा ऋण पर लगने वाले ब्याज का भुगतान सरकार करती है साथ ही किसानों और उद्योगपतियों का ब्याज भी सरकार द्वारा माफ़ किया जाता है l

🔴🔊#_सब्सिडी_के_उद्देश्य:
सब्सिडी का मुख्य उद्येश्य लागत और मूल्य के बीच के अंतर को कम करना होता है जिसके माध्यम से जरुरतमंदों को लागत से भी कम दामों पर वस्तुएं उपलब्ध करायी जातीं हैं l इसके अन्य उद्येश्य इस प्रकार हैं:

🔊.देश में उच्च खपत / उत्पादन को प्रेरित करना.

🔊.कमजोर वर्ग के लोगों के हितों की रक्षा करना.

🔊.सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देना.

🔴🔊#_2018_19_के_बजट_में_सब्सिडी:

वित्त वर्ष 2018-19 के लिए कुल सब्सिडी बिल 2.9 करोड़ रुपये था जो कि 2017-18 में 2,64,125 करोड़ रुपये होने का अनुमान था. 2018 के बजट प्रस्तावों के मुताबिक, 2018-19 वित्त वर्ष के लिए सब्सिडी का मुख्य खर्च भोजन, पेट्रोलियम और उर्वरक पर होगा. कुल सब्सिडी बिल के लिए दी गयी राशि पर सरकार ने 2017 में ब्याज भुगतान के रूप में 23634 करोड़ रुपये खर्च किये थे और 2018-19 के लिए 20,917 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.

🔊#_खाद्य_सब्सिडी (Food Subsidy): सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए खाद्यान्न सब्सिडी के लिए 1,69,323 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जो कि पिछले वित्त वर्ष में 1,40,281 करोड़ रुपये था. देश में फ़ूड सिक्यूरिटी बिल के पास हो जाने से सरकार के फ़ूड सब्सिडी बिल में बढ़ोत्तरी हो गयी है.

🔊#_उर्वरक_सब्सिडी (Fertilizer Subsidy): वित्त वर्ष 2018-19 के लिए उर्वरक सब्सिडी 70,079 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जबकि पिछ्के साल यह राशि 64,973 करोड़ रुपये थी. उर्वरक सब्सिडी पर सरकार ने

🔊#_पेट्रोलियम_सब्सिडी (Petroleum Subsidy): वित्त वर्ष 2017-18 में पेट्रोलियम सब्सिडी के रूप में 24,460 करोड़ रुपये खर्च हुए थे जो कि अगले वित्त वर्ष में 24932 करोड़ रुपये होने का अनुमान है. इस आवंटन में एलपीजी सब्सिडी के लिए 20,377 करोड़ रुपये और केरोसिन के लिए 4,555 करोड़ है.

अगले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा और भी ज्यादा हो जायेगा. कुछ अर्थशास्त्री सब्सिडी के इस बढ़ते बोझ को अर्थव्यवस्था के लिए अतिरिक्त बोझ मान रहे हैं जो कि ठीक नही है क्योंकि यह अतिरिक्त खर्च देश में सभी वर्गों के कल्याण पर खर्च हो रहा और इससे सबसे ज्यादा फायदा किसानों और समाज के गरीब लोगों को हो रहा है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *